मनुस्मृति को लेकर विवाद ! माता-पिता सोचे आपके बच्चो के दिमाग में क्या डाला जा रहा है ?

    25-May-2024
Total Views |
 
- शरद पवार के आरोप पर फडणवीस की चुप्पी
 
controversy over manusmriti parents should think what is being put into the minds of your children
(Image Source : Internet / Representative)


शरदचंद्र पवार की पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में मनुस्मृति और मन श्लोक को शामिल करने पर विचार शुरू हो गया है। ये लोग नहीं जानते कि वे बच्चों के दिमाग में क्या डालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील सोच वाले लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
 
 
राज्य सरकार ने कक्षा तीसरी और बारहवीं के स्कूली पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता, मन श्लोक को शामिल करने की पहल की है। इस संबंध में आई खबर के मुताबिक एससीईआरटी ने नई शिक्षा नीति के तहत राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम की घोषणा कर दी है। इसमें बच्चों को हमारे देश की परंपराओं से परिचित कराने और उनमें गौरव की भावना पैदा करने के लिए गीता और मन श्लोकों का उपयोग करने का प्रस्ताव किया गया है, जबकि मानवीय मूल्यों और दृष्टिकोणों का परिचय देने के लिए मनुस्मृति के कुछ श्लोकों का उपयोग करने का प्रस्ताव किया गया है। इस प्रस्ताव पर शरद पवार ने निशाना साधा है।

प्रगतिशील सोच वाले लोग ध्यान दें - पवार

शरद पवार ने कहा कि मैंने सुना है कि राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में मनुस्मृति और मन श्लोक को शामिल करने की योजना है। यह संविधान को लेकर राज्य सरकार की मानसिकता को दर्शाता है. सामाजिक संगठनों को इस पर ध्यान देना चाहिए। इन लोगों को समझ नहीं आ रहा कि आखिर वे बच्चों के दिमाग में क्या डालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन प्रगतिशील सोच वाले लोगों और संगठनों को इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी इस बारे में सोचना चाहिए। 
 

अनावश्यक भ्रम फैलाने का प्रयास-फडणवीस

वहीं, जब इस बारे में उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात की गई तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा की, मैं ऐसी बातों का जवाब नहीं देता। हाल के दिनों में कांग्रेस के पास कोई विषय नहीं बचा है। मन श्लोक महाराष्ट्र में वर्षों से बोले जाते हैं और सुने जाते हैं. अब मुझे नहीं पता कि इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है या नहीं। वर्तमान में इस बारे में अनावश्यक भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

 
कैसा होगा SCERT का प्रस्ताव?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एससीईआरटी ने तीसरी से बारहवीं कक्षा के लिए पाठ्यक्रम की घोषणा कर दी है। तदनुसार, यह अनुशंसा की जाती है कि छात्रों को भाषा विषयों के अध्ययन के लिए मन श्लोक और भगवद गीता के अध्यायों का पाठ कराया जाना चाहिए। इसके तहत सुझाव दिया गया है कि 3री से 5वीं कक्षा के लिए 1 से 25 मन श्लोक, 6ठी से 8वीं कक्षा के लिए 26 से 50 मन श्लोक और 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए भगवत गीता के 12वें अध्याय का पाठ करने की प्रतियोगिता आयोजित की जानी चाहिए। कुछ मानवीय मूल्यों को सिखाने के लिए मनुस्मृति में कुछ श्लोक शामिल करने का भी प्रस्ताव किया गया है।