अनिल देशमुख ने फड़णवीस पर बोला हमला! कहा, 'आपका सिस्टम गरीबों को कुचलता, अमीरों को पिज़्ज़ा-बर्गर खिलाता'

    22-May-2024
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Anil Deshmukh attacks DCM Devendra Fadnavis
 
 
पुणे :
पुणे में हुए हादसे के बाद पुलिस पर कार्रवाई में देरी और अक्षमता के आरोप लग रहे हैं. पुलिस की इस कार्यप्रणाली से जनता में काफी गुस्सा पैदा हो गया. पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के स्पष्टीकरण के बाद भी लोगों का गुस्सा बरकरार है. इस घटना को लेकर राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सीधे तौर पर देवेन्द्र फड़णवीस पर निशाना साधा है.
 
आप अमीरों को पिज़्ज़ा बर्गर खिला रहे है
देशमुख ने कहा की “देवेन्द्र जी, आपने कुछ दिन पहले कहा था कि अगर गाड़ी के नीचे कुत्ता भी आ जाये तो विपक्ष उनका इस्तीफा मांगेगा. आज गरीब घर के दो लोगो को एक खिलौना कार ने कुचल दिया और आपके सिस्टम ने इन दोनों की जान लेने वाले जानवरों को पिज़्ज़ा बर्गर खिलाया. उस रईसज़ादे को दस घंटे के जमानत मिल गयी. देवेन्द्र जी, अब आप मुझे बताएं कि हमें गृह मंत्री का इस्तीफा क्यों नहीं मांगना चाहिए?”
 
अग्रवाल परिवार का आपराधिक रिकॉर्ड
देशमुख ने कहा की पुणे के कल्याणीनगर में हुए हादसे के मामले में गिरफ्तार विशाल अग्रवाल के परिवार की आपराधिक पृष्ठभूमि रही है. विशाल अग्रवाल के पिता सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने 2009 में शिवसेना नेता अजय भोसले की हत्या के लिए छोटा राजन गिरोह को सुपारी दी थी. देशमुख ने कब कि, “अजय भोसले 2009 में वडगांव शेरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे, जब उनके अभियान के दौरान उन पर गोली चलाई गई थी। इस हादसे में अजय भोसले बाल-बाल बच गए. हालाँकि, उसके बाद मामला दर्ज होने के बावजूद सुरेंद्र कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार नहीं किया गया था। अब जब मामला फिर से सुर्खियों में है तो देखना होगा कि क्या सुरेंद्र कुमार अग्रवाल लपेटे में आएंगे.
 
देवेन्द्र फड़णवीस ने क्या कहा?
पुणे में हादसे के बाद लोगों के आक्रोश के बाद गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने तमाम कदम उठाए. उन्होंने पुणे पुलिस आयुक्तालय का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि पुणे पुलिस ने अपना सारा काम ठीक से किया है. पुलिस ने घटना की गंभीरता को बाल अधिकार न्यायालय के ध्यान में लाया था. हालांकि, देवेंद्र फड़णवीस ने कहा था कि बाल अधिकार न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला पुलिस के लिए चौंकाने वाला था. यह घिनौना कृत्य है. देवेन्द्र फड़नवीस ने यह भी आशा व्यक्त की कि माता-पिता को अपने बच्चों को बताना चाहिए कि स्वतंत्रता का मतलब मनमानी नहीं है.