Care your Health with Abhyuday : स्त्री सशक्तिकरण व स्त्री संतुलन शिबीर
09-Mar-2023
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नागपुर : 'यत्र नयस्तु पूजन्ते रमन्ते तत्र देवता' अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है। भारत में महिलाओं को देवी, शक्ति का रूप माना जाता है। महिलाओं की गरिमा के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना उतना ही जरूरी है। परिणामस्वरूप अनियमित खान-पान और कई बार प्राकृतिक गतिविधियों को रोकने के कारण महिलाओं में बवासीर जैसी बीमारी की घटनाएं बढ़ रही हैं।
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बवासीर होने के प्रमुख कारण
पेट की सफाई न करना, थायराइड और हार्मोन में बदलाव, मसालेदार भोजन, मांस खाना, जन्म के समय गुदा (Anus) में ढीली नसें, वर्षों से मौजूद पेट के विकार, गुदा में फोड़े, ज्यादातर महिलाओं को प्रसव के दौरान बवासीर होने का खतरा होता है।
लक्षण : मलद्वार (Anus) से खून आना, जलन, खुजली सूट, पेट साफ न होना, मलद्वार से कोम निकलना, मांस निकलने के कारण दर्द, अधिक रक्तस्राव के कारण सूजन, चक्कर आना आदि।
बवासीर के प्रकार:
1) बाहरी कोम
2) आंतरिक कोम
आंतरिक बवासीर वाली बवासीर चार प्रकार की होती है
1) गुदाद्वार से खून आना
2) मलद्वार से मांस का निकलना
3) हाथ से गुदाद्वार से मांस निकलना
4) तीव्र दर्द के साथ गुदाद्वार से बाहर निकलना
उपचार इस प्रकार
सर्जन डॉ. प्रवीण सहावे और गुदारोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा सहावे यह लेजर और बीम पद्धति से इलाज करते हैं। विशेष रूप से उपचार के लिए मरीज को पूरा दिन अस्पताल में भर्ती रहने की जरूरत नहीं। इसके अलावा महिलाओं में फिस्टुला, फिशर आदि रोगों का इलाज आयुर्वेद क्षार सूत्र (alkaline formula) और लेजर से किया जाता है। उदाहरण के लिए, गर्भाशय संबंधी रोग, मासिक धर्म के दौरान दर्द, अतिरिक्त रक्तस्राव, बांझपन, थायराइड आदि। इसके अलावा चेहरे के मस्से, मुंहासे, बॉडी ट्यूमर, बालों का झड़ना, त्वचा रोग, मोटापे के लिए आयुर्वेदिक उपचार भी अभ्युदय पाइल्स लेजर अस्पताल में उपलब्ध हैं।
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पहला सेंटर : महापुष्प सोसायटी लोहार समाज भवन के पीछे शताब्दी नगर से मनीष नगर रोड के बीच में है।
दूसरा सेंटर : रामेश्वरी बस स्टॉप के पास स्थित है। आप इस ऑफर का लाभ यहां जाकर उठा सकते है।