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नागपुर।
238 वर्षों की परंपरा और आस्था को संजोए मस्कर्या (हाडपक्या) (Hadapakya) पारंपरिक गणपति महोत्सव का आगाज़ इस वर्ष 9 सितंबर 2025, मंगलवार से होने जा रहा है। गणेश प्रतिमा का भव्य आगमन जुलूस शाम 6 बजे सी.पी. एंड बेरार कॉलेज, तुळशीबाग से निकलेगा। यह शोभायात्रा जूनियर भोसला पैलेस, राजे प्रतापसिंह भोसले चौक (सुतिका गृह), कोतवाली पुलिस स्टेशन चौक, नरसिंह टॉकीज चौक, सीनियर भोसला पैलेस से होते हुए स्थापना स्थल तक पहुंचेगी। अगले दिन 10 सितंबर को प्रतिष्ठापना समारोह संपन्न होगा।
1787 से शुरू हुई अनूठी परंपरा
यह परंपरा 1787 में श्रीमंत राजे खंडोजी महाराज भोसले (चिमन बापू) द्वारा शुरू की गई थी। बंगाल विजय अभियान से लौटते समय परिवार की गणपति प्रतिमा का विसर्जन हुआ था। उस विजय की स्मृति में महाराज ने हाडपक्या गणपती की स्थापना की और साथ ही नकल (हास्य नाटक) व खडी गम्मत (लोक मनोरंजन) जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। यही परंपरा आगे चलकर सार्वजनिक उत्सव में बदल गई। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने भी इसी प्रेरणा को आगे बढ़ाते हुए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गणपति उत्सव को समाज को जोड़ने का माध्यम बनाया।
18 हाथों की प्रतिमा और आस्था का केंद्र
श्रीमंत खंडोजी महाराज के समय 18 हाथ (लगभग 21 फीट) की प्रतिमा स्थापित की जाती थी। उसी परंपरा को जीवित रखते हुए इस वर्ष विशेष 18 हाथों वाली 7 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस गणपति को “मनोकामना पूर्ण करने वाले” देवता के रूप में पूजा जाता है। आज भी असंख्य भक्त अपनी श्रद्धा और संकल्प लेकर यहां पहुंचते हैं और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। श्रीमंत राजे मुधोजी महाराज भोसले के मार्गदर्शन में महाराजा ऑफ नागपुर ट्रस्ट इस महोत्सव का आयोजन कर रहा है।