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नागपुर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने शताब्दी वर्ष की शुरुआत के लिए हिंदू पंचांग और ग्रेगोरियन कैलेंडर को समन्वयित करने का प्रयास किया है। आरएसएस की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन की थी। इस अवसर पर संघ ने 27 सितंबर को पथसंचालन (रूट मार्च) आयोजित किया, जबकि मुख्य कार्यक्रम 2 अक्टूबर को नागपुर के रेशिमबाग मैदान में आयोजित किया जाएगा, जो इस वर्ष विजयदशमी का दिन है।
तीन स्थानों से पथसंचालन
आरएसएस अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने बताया कि रूट मार्च तीन अलग-अलग स्थानों से एकसाथ शुरू होगा। हजारों स्वयंसेवक तीनों मार्गों से चलते हुए सीताबर्डी के वेराइटी स्क्वायर पहुंचेगे, ताकि अपनी ताकत का प्रदर्शन किया जा सके। संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत रूट मार्च का निरीक्षण करेंगे। इस बार रूट मार्च में स्वयंसेवकों की संख्या सामान्य से तीन गुना अधिक रहने का अनुमान है।
विजयदशमी पर मुख्य कार्यक्रम
मुख्य कार्यक्रम 2 अक्टूबर को रेशिमबाग मैदान में आयोजित होगा। इस अवसर पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे। लगभग 7,000 आरएसएस स्वयंसेवक यूनिफ़ॉर्म में उपस्थित रहेंगे। कोविंद और डॉ. भागवत सभा को संबोधित करेंगे। अंतरराष्ट्रीय अतिथियों में अमेरिका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और घाना से प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता, डेकेन ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के के वी कार्तिक और बजाज फिनसर्व के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव बजाज भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।