आपातकालीन स्थितियों में संजीवनी साबित होते हैं हेल्पलाइन नंबर

23 Sep 2025 17:17:53
 
Helpline numbers
 Image Source:(Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
भारत में विभिन्न आपातकालीन सेवाओं के लिए समर्पित राष्ट्रीय हेल्पलाइन (Helpline) नंबर उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से पुलिस, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, महिला सुरक्षा, बाल संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसी सेवाओं तक तुरंत पहुंचा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन नंबरों को फोन में सेव करना या घर पर लिखकर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि आपातकालीन स्थिति में हर सेकंड महत्वपूर्ण होता है।
 
प्रमुख राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर
भारत सरकार ने 112 को यूनिवर्सल हेल्पलाइन नंबर घोषित किया है, जो पुलिस, फायर और एंबुलेंस सेवाओं को जोड़ता है। 112 इंडिया ऐप के जरिए कॉलर का लाइव लोकेशन भी साझा किया जा सकता है। इसके अलावा पुलिस के लिए 100, एंबुलेंस के लिए 102 और 108 नंबर उपलब्ध हैं। 102 विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए मुफ्त सेवा प्रदान करता है, जबकि 108 गंभीर चिकित्सा आपात स्थितियों जैसे दुर्घटना और ट्रॉमा मामलों के लिए है। आग, विस्फोट या गैस रिसाव की स्थिति में फायर ब्रिगेड से संपर्क के लिए 101 डायल करना जरूरी है। यदि यह नंबर उपलब्ध न हो तो 112 का उपयोग किया जा सकता है।
 
विशेष परिस्थितियों के लिए सहायता नंबर
महिला सुरक्षा के लिए 1091 पर तत्काल मदद उपलब्ध है, वहीं बाल संरक्षण और संकटग्रस्त बच्चों के लिए 1098 नंबर पर सहायता ली जा सकती है। प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप या तूफान की स्थिति में 1078 आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन काम करती है। रेलवे यात्रियों के लिए 139 हेल्पलाइन है, जबकि ऑनलाइन ठगी और साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराने के लिए 1930 नंबर जारी किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नंबरों के प्रति जागरूकता से न केवल सुरक्षा बढ़ती है बल्कि संकट की घड़ी में त्वरित मदद सुनिश्चित होती है।
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