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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
काठमांडू सहित नेपाल (Nepal) के कई शहरों में फैले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद हालात काबू में करने के लिए बुधवार सुबह नेपाल आर्मी ने सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में ले ली। सेना ने बयान जारी कर कहा कि आंदोलन के नाम पर हो रही लूट, आगजनी, हिंसा और यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सेना ने देशवासियों से अपील की कि वे कानून-व्यवस्था बहाल करने में सहयोग दें और शांति बनाए रखें। सेना ने जीवन और संपत्ति की हानि पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मौजूदा कठिन परिस्थितियों में नागरिकों का सहयोग बेहद जरूरी है।
राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू, सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाने के बाद भी बवाल
सेना ने साफ किया कि देशभर में लगाया गया कर्फ्यू कल शाम 6 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान किसी भी प्रकार की तोड़फोड़, हिंसक हमला या अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कर्फ्यू का दायरा काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जैसे प्रमुख शहरों तक बढ़ाया गया है। सरकार ने हालांकि सोशल मीडिया पर लगाया प्रतिबंध हटा लिया है, लेकिन इसके बावजूद उपद्रवियों ने हिंसा, लूट और आगजनी जारी रखी। सेना ने कहा कि हालात को देखते हुए कर्फ्यू आदेश की अवधि स्थिति के अनुसार बढ़ाई जा सकती है।
ओली ने दिया इस्तीफा, 19 लोगों की मौत
भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए जेन-जी आंदोलन ने सोमवार को भयावह रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। हालात बिगड़ने के बाद सैकड़ों लोगों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के दफ्तर में घुसपैठ कर उनकी निजी संपत्ति को भी आग लगा दी। इसके बाद भारी दबाव में ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सेना ने कहा कि अब सबसे बड़ी चुनौती देश की शांति और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।