नेपाल में अस्थिरता के बीच फंसे 215 तेलुगु नागरिक

10 Sep 2025 16:22:43
- मंत्री नारा लोकेश ने दिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के आदेश

Telugu citizens(Image Source-Internet) 
अमरावती/काठमांडू।
नेपाल Nepal) में जारी राजनीतिक अशांति और विरोध प्रदर्शनों के बीच आंध्र प्रदेश के 215 तेलुगु लोग विभिन्न क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। इस संकट से निपटने के लिए आंध्र प्रदेश के रियल टाइम गवर्नेंस (आरटीजी) मंत्री नारा लोकेश ने मोर्चा संभाला है। बुधवार को वे राज्य सचिवालय स्थित आरटीजी सेंटर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। एपी भवन अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी कि अब तक 215 तेलुगु लोग नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं।
 
फंसे हुए लोगों की सुरक्षा पर हर घंटे रिपोर्ट
मंत्री नारा लोकेश ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फंसे नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी अपडेट हर घंटे उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि “घायल या फंसे लोगों को तुरंत राहत पहुँचाई जाए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए।” मंत्री ने वीडियो कॉल के जरिए नेपाल में फंसे कुछ लोगों से भी बातचीत की। इनमें से एक, सूर्य प्रभा ने मुक्तिनाथ की स्थिति बताई, जहां कई तेलुगु यात्री होटल में फंसे हुए हैं। मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के समन्वय से सभी लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
 
नेपाल में जेल के बाहर प्रदर्शन, सेना तैनात
इस बीच, नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बुधवार को काठमांडू की दिलीबाजार जेल से बड़ी संख्या में कैदी बाहर निकल आए और अपनी रिहाई की मांग करने लगे। देशव्यापी भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बीच हुई इस घटना के बाद नेपाल सेना को जेल परिसर और उसके आसपास तैनात किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिसकर्मी दो दिन से जारी हिंसक प्रदर्शनों के चलते कई जेलों से हट गए थे और केवल पुलिस मुख्यालय में ही डटे रहे। इसके बाद कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी नेपाल आर्मी ने अपने हाथ में ले ली है।
 
सेना ने किए गिरफ्तारियां, लगाया कर्फ्यू
नेपाल सेना ने जानकारी दी कि बीते 24 घंटे में हिंसा, लूटपाट और आगजनी जैसी घटनाओं में शामिल 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तारियां मंगलवार रात 10 बजे से बुधवार सुबह 10 बजे तक की गईं। हालात काबू में करने के लिए पूरे देश में सेना की तैनाती की गई है। सेना ने आदेश जारी कर कहा है कि बुधवार शाम 5 बजे तक निषेधाज्ञा प्रभावी रहेगी और गुरुवार सुबह 6 बजे से पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया जाएगा। सुरक्षा स्थिति के आधार पर आगे के फैसले लिए जाएंगे।

सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार विरोध से भड़का आंदोलन
नेपाल में मौजूदा विरोध की चिंगारी सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध से भड़की। 8 सितंबर से काठमांडू, पोखरा, बुटवल और बीरगंज जैसे बड़े शहरों में युवा पीढ़ी, खासकर जनरेशन-जेड, सड़कों पर उतर आई। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और पक्षपात को खत्म करना है। साथ ही वे सोशल मीडिया बैन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं। अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 500 से ज्यादा घायल हुए हैं।
 
पीएम का इस्तीफा और राष्ट्रपति की मध्यस्थता की कोशिश
तेजी से बिगड़ते हालातों के बीच प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कई अन्य मंत्रियों ने भी पद छोड़ा है। इसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने मंगलवार देर रात प्रदर्शनकारियों से बातचीत का आह्वान किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार को वे प्रदर्शनकारियों से मुलाकात कर संवाद स्थापित करेंगे। नेपाल का गंभीर रोजगार संकट, जहां हर दिन करीब 5,000 युवा विदेशों में नौकरी की तलाश में देश छोड़ रहे हैं, इस आंदोलन को और भड़का रहा है। ऐसे हालात में नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना भारत और आंध्र प्रदेश सरकार दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
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