- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की वनतारा अधिकारियों से बैठक
(Image Source-Internet) एबी न्यूज़ नेटवर्क।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को वंतारा प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुंबई में बैठक की, जिसमें महादेवी (Mahadevi) हाथिनी 'माधुरी' की वापसी को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने एक्स (X) पर पोस्ट साझा करते हुए बताया कि वंतारा ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर की जा रही याचिका का समर्थन करने का निर्णय लिया है, जिससे हाथिनी को कोल्हापुर जिले स्थित नंदनी मठ वापस लाया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वनतारा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया था और हथिनी को अपने पास रखने का उनका कोई इरादा नहीं था।
धार्मिक भावनाओं का सम्मान और पुनर्वास केंद्र की स्थापना में सहयोग
वनतारा ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया है कि वह हथिनी के लिए नंदनी मठ के समीप एक पुनर्वास केंद्र स्थापित करने में पूर्ण सहयोग करेगा। वनतारा ने बताया कि वह पूरी तरह से धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है और कभी भी किसी समुदाय की आस्था को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा कि वह राज्य के वन विभाग द्वारा चयनित स्थान पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार पुनर्वास केंद्र बनाने में मदद करेंगे।
माधुरी के साथ भावनात्मक जुड़ाव को वनतारा का सम्मान
वनतारा ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम समझते हैं कि मधुरी हाथिनी जैन मठ और कोल्हापुर के लोगों के लिए धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। दशकों से वह वहां की आध्यात्मिक परंपरा और सामाजिक जीवन का हिस्सा रही है।” वनतारा ने यह भी कहा कि उसने उच्चतम न्यायालय और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए ही हथिनी को अपने संरक्षण में लिया था। पुनर्वास की प्रक्रिया वंतराने स्वयं शुरू नहीं की थी।
माफी के साथ एकजुटता का संदेश
अपने बयान में वनतारा ने स्पष्ट किया कि यदि उनके कदम से जैन समुदाय या कोल्हापुर के लोगों को किसी भी प्रकार की ठेस पहुंची हो, तो वे ‘मिच्छामी दुक्कड़म्’ कहते हुए क्षमा याचना करते हैं। उन्होंने कहा, “हम सब मिलकर मधुरी के कल्याण को प्राथमिकता दें और एकता के साथ आगे बढ़ें।” वनतारा ने भरोसा दिलाया कि वह पूरी पारदर्शिता, कानून के पालन और पशु कल्याण की सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ इस मुद्दे पर आगे कार्य करेगा।