- डिजाइन और स्वीकृतियों में हुई देरी, अब काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है
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नागपुर।
दक्षिण और मध्य हिस्सों के लिए वर्षों से सिरदर्द बने अजनी (Ajni) रेलवे ओवरब्रिज (RoB) प्रोजेक्ट में अब रफ्तार पकड़ ली है। महारेल के प्रबंध निदेशक राजेश कुमार जायसवाल ने बताया कि यह देरी अपेक्षित थी क्योंकि इस प्रोजेक्ट का डिज़ाइन ताइवान की एक कंपनी ने तैयार किया था, जिसे आईआईटी मुंबई द्वारा जांचा गया। क्षेत्र में पहले से मौजूद बुनियादी ढांचे के चलते इस डिजाइन को कई स्तरों पर स्वीकृतियाँ लेनी पड़ीं। अब महारेल को विश्वास है कि पहला ब्रिज फरवरी 2026 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिज पर “आकर्षक रोशनी” और पैदल यात्रियों के लिए सेल्फी पॉइंट भी बनाए जाएंगे।
भीषण ट्रैफिक से राहत दिलाएंगे जुड़वां ब्रिज
अजनी और खापरी रेलवे स्टेशनों के बीच स्थित यह RoB, नागपुर-वर्धा रेलमार्ग पर वर्षों से ट्रैफिक का मुख्य जाम स्थल बना हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत दो ब्रिज बनाए जा रहे हैं, जो पूरे दक्षिण और मध्य नागपुर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगे। महारेल का कहना है कि पहले की देरी के बावजूद अब प्रोजेक्ट स्थल पर "चमत्कारी प्रगति" देखी जा रही है। कनेक्टिंग बीम तैयार हो चुका है, 52 मीटर ऊंचे पायलन का निर्माण कार्य जारी है, और कास्टिंग यार्ड में 90% स्टील गर्डर तैयार हो चुके हैं उन्हें जल्द ही अजनी स्थल पर लाया जाएगा और लगाया जाएगा।
दो चरणों में हो रहा निर्माण, ट्रैफिक डायवर्जन नहीं होगा जरूरी
इस प्रोजेक्ट की एक खास बात यह है कि इसे दो चरणों में पूरा किया जा रहा है, जिससे ट्रैफिक डायवर्जन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। महारेल ने बताया कि चलती रेलवे लाइनों के बीच नींव का निर्माण बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन अब प्रमुख बाधाओं को पार कर लिया गया है। संस्था ने कहा, “यह ब्रिज न सिर्फ आवागमन को सुगम बनाएगा बल्कि नागपुर के स्काईलाइन को भी एक नई पहचान देगा।”