Ajit Pawar on Rajendra Pawar's Statement : "मन की बात कह देने से मन हल्का हो जाता है"

27 Aug 2025 17:28:11

Ajit Pawar(Image Source-Internet) 
पुणे:
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने चव्हाण सहकारी साखर कारखाना कार्यक्रम में राजेंद्र पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "मन में जो आता है कह देने से मन हल्का हो जाता है।" अजीत पवार ने यह बात अपने भाई और सहकारी राजनीति की शुरुआत से जुड़े विवादों पर चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इंदापुर तालुका की प्रगति की नींव श्री छत्रपती साखर कारखाने ने रखी है और यहीं से 1984 में उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई थी।
 
राजेंद्र पवार का जवाब और अजीत पवार का तंज
हाल ही में सांगली के एक कार्यक्रम में अजीत पवार ने अपने भतीजे रोहित पवार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि "आपको भाईचारे की सोच के कारण चुना गया है और यह भी याद रखना चाहिए कि आप डाक मतों से चुने गए थे।" इस पर रोहित पवार के पिता राजेंद्र पवार ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि "समय बदलता है, मौके बदलते हैं।" साथ ही उन्होंने यह भी याद दिलाया कि शुरुआती दौर में उन्हें भी राजनीति में आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा, "हमारे सभी काका सिर्फ अपने भतीजों को देखते थे। उस समय मेरे पिता ने अजीतदादा को मौका दिया, मैं तीसरे मौके पर आया। तब समझ गया कि राजनीति में अवसर आते ही पकड़ना पड़ता है।"
 
किसानों और शिक्षा के मुद्दों पर घोषणाएं
बारामती तालुका के छत्रपति सहकारी साखर कारखाने की बैठक में अजीत पवार ने किसानों, शिक्षा और सड़कों के मुद्दों पर सीधे टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि रायत शिक्षण संस्था और नई इंग्लिश स्कूल, डोरलेवाडी की इमारत समस्या के समाधान के लिए शरद पवार ने 3 करोड़ रुपये का चेक दिया है। कुल 24 कक्षाओं के निर्माण पर 3.60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, शेष राशि संस्था देगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर वह व्यक्तिगत मदद भी करेंगे। वहीं सड़कों की बदहाली पर उन्होंने तुरंत 10 करोड़ रुपये मंजूर करने की घोषणा की और चेतावनी दी कि सड़क बनने के बाद उसे खोदने वालों पर 10 से 20 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।
 
कृषि में एआई तकनीक के महत्व पर जोर
अजीत पवार ने किसानों को आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "ड्रिप सिंचाई किसानों की रीढ़ है, इसके बिना उत्पादन बढ़ नहीं सकता। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से 50 प्रतिशत पानी की बचत होती है और पैदावार 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।" उन्होंने उदाहरण दिया कि जब राजीव गांधी कंप्यूटर लाए थे तो आलोचना हुई थी, लेकिन आज दुनिया कंप्यूटर के बिना संभव नहीं है। ठीक उसी तरह भविष्य में वही किसान साक्षर माने जाएंगे जो एआई का उपयोग करेंगे। उन्होंने अपील की कि सभी साखर कारखानों में एआई तकनीक का प्रसार किया जाए।
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