विदर्भ में शिवसेना (उद्धव) को झटका, धानोरकर परिवार का BJP में प्रवेश

21 Aug 2025 17:26:39
- अनिल धानोरकर ने थामा कमल

Dhanorkar family joins BJP(Image Source-Internet) 
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
राज्य में होने वाले आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों की पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार विपक्षी दलों को झटके दे रही है। अब कांग्रेस सांसद प्रतिभा धनोरकर के देवर और स्वर्गीय सांसद बालू धनोरकर के बड़े भाई अनिल धनोरकर ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। मुंबई स्थित बीजेपी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राज्याध्यक्ष रविंद्र चव्हाण और पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर की उपस्थिति में उन्होंने और उनके समर्थकों ने बीजेपी की सदस्यता ली। इस अवसर पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना से जुड़े 10 नगरसेवक भी बीजेपी में शामिल हुए।
 
कांग्रेस और शिवसेना से बीजेपी तक सफर
अनिल धानोरकर भद्रावती नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं और दो वर्षों तक उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के जिला प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। लंबे समय से धानोरकर परिवार का भद्रावती नगर परिषद पर दबदबा रहा है। विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस ने उन्हें वरोरा सीट से टिकट नहीं दिया, तब उन्होंने वंचित बहुजन आघाडी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इसके पहले वे कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) से भी जुड़े रहे। अब तीसरी बार दल बदलते हुए वे बीजेपी में शामिल हुए हैं।
 
चव्हाण का आश्वासन – यह परिवार नहीं टूटेगा
पार्टी प्रवेश कार्यक्रम में बोलते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने कहा कि, “आपके परिवार ने जनता और शहर के हित में हमेशा योगदान दिया है। यह tug-of-war से भी बड़ा संघर्ष है। सभी रिश्तों को देखते हुए आपने बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया है, इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। हम भरोसा दिलाते हैं कि यह परिवार आपको टूटने नहीं देगा। राष्ट्रीय विचारधारा के साथ हम सब मिलकर आगे बढ़ेंगे।”
 
विदर्भ और ठाणे-पालघर में बढ़त का दावा
इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गणेश नाईक ने भी पार्टी की ताकत पर विश्वास जताते हुए कहा कि आने वाले समय में नवी मुंबई सहित कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर, ठाणे और पालघर जिलों में बीजेपी की स्थिति और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि, “हम अपने सहयोगियों को भी सम्मान देंगे और उन्हें साथ लेकर नंबर वन पार्टी बनाएंगे।” विदर्भ में धानोरकर परिवार का बीजेपी में प्रवेश उद्धव ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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