जीएसटी : 12 और 28 प्रतिशत स्लैब होंगे समाप्त, आम लोगों को बड़ी राहत

    21-Aug-2025
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- केंद्र सरकार का महत्त्वपूर्ण निर्णय

GST(Image Source-Internet) 
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) में बड़ा बदलाव किया है। अब जीएसटी की चार दरों के बजाय केवल दो दरें लागू होंगी। फिलहाल 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्लैब प्रणाली लागू है। लेकिन 21 अगस्त 2025 को हुई मंत्रियों के समूह (Group of Ministers) की बैठक में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को पूरी तरह समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद अब केवल 5 और 18 प्रतिशत स्लैब लागू रहेंगे। इस कदम से आम जनता को सीधा लाभ मिलने की संभावना है।
 
किन वस्तुओं पर मिलेगा लाभ?
12 प्रतिशत स्लैब की वस्तुओं को 5 प्रतिशत स्लैब में शामिल किया जाएगा। इसका अर्थ है कि कपड़े, रेडीमेड वस्त्र, चप्पल-जूते, स्टेशनरी, प्रिंटिंग सामग्री, प्रोसेस्ड फूड आइटम और कुछ घरेलू उपकरणों पर टैक्स 7 प्रतिशत तक घटेगा। इससे मध्यम वर्ग और आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। वहीं 28 प्रतिशत स्लैब की लगभग 90 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत स्लैब में लाया जाएगा। इससे दोपहिया-चारपहिया वाहन, सीमेंट व अन्य बिल्डिंग मटेरियल, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, टीवी, पैकेज्ड पेंट और पेय पदार्थों पर टैक्स 10 प्रतिशत तक कम होगा। इसका असर रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री पर भी पड़ सकता है।
 
तंबाकू और पान मसाला पर रहेगा ज्यादा टैक्स
जहां आम उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स में कमी की जा रही है, वहीं तंबाकू और पान मसाला जैसी वस्तुओं पर ऊंचा टैक्स बरकरार रहेगा। सरकार का मानना है कि इन वस्तुओं पर टैक्स कम करने से इनके उपभोग में बढ़ोतरी हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए इन पर टैक्स दर उच्च स्तर पर ही रखी जाएगी।
 
बीमा प्रीमियम पर भी राहत संभव
बैठक में स्वास्थ्य व जीवन बीमा पर लगने वाले जीएसटी को पूरी तरह खत्म करने पर भी चर्चा हुई। फिलहाल बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी वसूला जाता है। यदि इसे हटा दिया जाता है तो बीमा धारकों को सीधा लाभ मिलेगा। हालांकि सरकार को इससे करीब 9700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है। ज्यादातर राज्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, लेकिन यह भी तय किया गया है कि बीमा कंपनियां इस राहत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं। केवल कंपनियों को ही फायदा न हो बल्कि ग्राहकों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके, इसके लिए सख्त निगरानी रखी जाएगी।