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नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि "ये जीव कोई 'समस्या' नहीं हैं जिन्हें मिटा दिया जाए। आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल के जरिए सड़कों को सुरक्षित रखा जा सकता है – वह भी बिना क्रूरता के।" गांधी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि "अंधाधुंध हटाना क्रूर, दूरदर्शिता की कमी और हमारी करुणा को खत्म करने जैसा है।" सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिया कि दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में सभी आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर शेल्टर में भेजा जाए।
पशु अधिकार संगठनों का विरोध प्रदर्शन
इस आदेश के खिलाफ पशु अधिकार संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई और सोमवार को दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया। एक कुत्ता देखभाल करने वाली महिला ने कहा, "ये लोग हमें बोलने नहीं देना चाहते। जो भी पशुओं को खिलाने का नेक काम करता है, उसे जेल में डाल रहे हैं।" प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आवारा कुत्तों को हटाना न केवल अमानवीय है, बल्कि इससे स्थिति और खराब होगी।
PETA का विरोध और कानूनी कदम
PETA इंडिया के एडवोकेसी एसोसिएट शौर्य अग्रवाल ने इस आदेश को "अव्यवहारिक और अलौकिक" बताते हुए कहा कि यह पशु जन्म नियंत्रण नियमों के अनुसार भी अवैध है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में लगभग 10 लाख कुत्ते हैं, जिनमें से केवल आधे की नसबंदी हुई है। सभी को शेल्टर में रखना संभव नहीं है और वहां की स्थिति बेहद खराब हो सकती है। अग्रवाल ने कहा, "कुत्तों को हटाना क्रूरता है और हम इस आदेश के खिलाफ सभी कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।" PETA का मानना है कि यह कदम अव्यवस्था और नई समस्याओं को जन्म देगा।