- बरसात में दर्दनाक सफर
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नागपुर।
रक्षाबंधन के दिन नागपुर-जबलपुर हाईवे (Nagpur Jabalpur highway) पर दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। 36 वर्षीय मजदूर अमित भूरे यादव अपनी पत्नी ग्यारसी (35) के साथ नागपुर के पास लोणार से अपने मायके करनपुर (सीनी, मध्यप्रदेश) जा रहे थे। दोपहर करीब 3.30 बजे, देवलापार थाना क्षेत्र के मोरफाटा गांव के पास उनकी बाइक (MH 40 DB 1983) को पीछे से तेज रफ्तार ईचर ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में अमित सड़क किनारे गिर गए, जबकि ग्यारसी ट्रक के पहियों के नीचे आ गईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। तेज बारिश के बीच अमित ने राहगीरों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नहीं रोका। निराश होकर उन्होंने पत्नी के शव को बाइक की पिछली सीट पर बांधा और 70 किलोमीटर दूर लोणार के लिए निकल पड़े।
पुलिस क्यों नहीं ढूंढ पाई शव
रास्ते में हाईवे ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोका और पूछा कि वे कहां जा रहे हैं, लेकिन सदमे में डूबे अमित बिना रुके आगे बढ़ते रहे। बाद में कोराडी पुलिस ने हाईवे पुलिस के जरिए देवलापार पुलिस से संपर्क किया, तब जाकर पूरी घटना सामने आई। देवलापार पुलिस के एपीआई नारायण तुर्कुंडे-पाटिल ने बताया, “करीब 3.30 बजे हादसे की कॉल आई थी। जब हम मौके पर पहुंचे तो दुर्घटना के निशान थे, लेकिन शव नहीं था। अस्पताल में भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला, क्योंकि पति पहले ही शव लेकर निकल चुका था।”
अमिट पीड़ा और चुप्पी की बारिश
ग्यारसी का शव बाद में मेयो अस्पताल भेजा गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया। सोमवार को लोणार में अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस ने ईचर ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अमित के लिए यह 70 किलोमीटर का सफर सिर्फ दूरी नहीं था, बल्कि यह बारिश में भीगी एक ऐसी यात्रा थी, जिसमें हर बूंद उसकी पीड़ा, अकेलापन और मदद की अनसुनी पुकार को समेटे हुए थी। सड़क पर दौड़ते वाहनों के बीच, किसी ने न रोका, न हाथ बढ़ाया — और एक पति अपनी पत्नी के निर्जीव शरीर के साथ चुपचाप अपने घर लौटता रहा।