आजाद मैदान पर शिक्षकों का उग्र आंदोलन, माइक और लाइट बंद

08 Jul 2025 21:10:26
- 9 जुलाई को शरद पवार होंगे शामिल

Teachers violent protest(Image Source-Internet)  
मुंबई :
आजाद मैदान (Azad Maidan) पर अनुदान विहीन (Grant Free) और आंशिक रूप से अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों का आंदोलन लगातार चौथे दिन और भी उग्र हो गया है। मंगलवार शाम को शिक्षकों की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए पुलिस पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने प्रदर्शन स्थल की लाइट और माइक बंद कर दिए। आंदोलनकारी शिक्षक अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि जल्द से जल्द अनुदान की राशि जारी की जाए। इस बीच, विधायक रोहित पवार ने ऐलान किया कि वे पूरी रात शिक्षकों के साथ धरना स्थल पर मौजूद रहेंगे। अगर सरकार समाधान नहीं निकालती, तो शरद पवार स्वयं बुधवार (9 जुलाई) को आंदोलन में शामिल होंगे।
 
सुप्रिया सुळे की फडणवीस के खिलाफ नारेबाजी
शिक्षकों के इस आंदोलन को विपक्षी दलों का भी खुला समर्थन मिल रहा है। मंगलवार को राष्ट्रवादी शरदचंद्र पवार पार्टी की सांसद सुप्रिया सुळे ने आजाद मैदान पहुंचकर शिक्षकों के साथ एकजुटता दिखाई। उन्होंने सरकार से शिक्षकों की मांगों को जल्द से जल्द मानने की अपील की। साथ ही, उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए कहा, “मेरे भाई (अजित पवार) वित्त मंत्री हैं, फिर भी सारे फैसले फडणवीस ही लेते हैं।” सुप्रिया सुळे के इस बयान से आंदोलन को और राजनीतिक ताकत भी मिलती दिखी।
 
रोहित पवार - मंत्री के आने तक यहीं रुकूंगा
विधायक रोहित पवार ने शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए कहा कि वे पहले भी पुणे से नागपुर तक शिक्षकों, युवाओं और किसानों की समस्याओं को लेकर पदयात्रा कर चुके हैं, लेकिन सरकार तब भी नहीं जागी। उन्होंने कहा, “अब जब तक कोई मंत्री यहाँ नहीं आता, मैं यहीं रुकूँगा और आपके साथ रहूंगा। जब तक मांगें नहीं मानी जाती, मैं नहीं उठूँगा। हम सब आपके पीछे मज़बूती से खड़े हैं।” रोहित पवार के इस ऐलान से आंदोलनकारी शिक्षकों में नया उत्साह देखा गया।
 
10 महीने बाद भी फंड का इंतजार, स्कूल बंद करने का फैसला
गौरतलब है कि अक्टूबर 2024 के सत्र में राज्य के लगभग 5,000 अनुदानविहीन निजी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से अनुदान देने का निर्णय हुआ था। लेकिन 10 महीने बीतने के बावजूद सरकार ने इस पर कोई ठोस वित्तीय प्रावधान नहीं किया, जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश फैल गया है। इस नाराजगी के चलते राज्य में 8 और 9 जुलाई को स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल राज्य में 5,844 आंशिक रूप से अनुदानित निजी स्कूल हैं, जिनमें हज़ारों शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी कार्यरत हैं, जो अपनी आजीविका को लेकर गहरी चिंता में हैं।
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