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मुंबई।
मुंबई के एनएससीआई डोम, वर्ली में आयोजित भव्य विजय रैली में वर्षों बाद उद्धव ठाकरे (Thackeray) और राज ठाकरे एक मंच पर आए। दोनों ने मराठी अस्मिता को पुनर्जीवित करते हुए सत्ताधारी दल को खुली चुनौती दी। इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने कहा, "मराठी भाषा को हाशिये पर डालने की साजिश नाकाम रही। मराठी जनता की एकजुटता ने यह साबित कर दिया कि हमारी ताकत सबसे बड़ी है।"
त्रिभाषा सूत्र की वापसी पर जताई खुशी
राज्य सरकार द्वारा त्रिभाषा सूत्र वापस लिए जाने पर रैली में भारी उत्साह देखा गया। उद्धव ठाकरे ने सत्ताधारी दल पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “जिन्होंने हमें इस्तेमाल किया, अब उनका समय पूरा हो गया। हम दोनों भाई एक हो चुके हैं और अब उन्हें साइड में रखने का वक्त आ गया है।” साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि, “हमने हिंदुत्व छोड़ा नहीं है, पर पाखंड का साथ भी कभी नहीं दिया।”
एकता का नया अध्याय शुरू
राज ठाकरे ने कहा, “हमने मुंबई और महाराष्ट्र को बनाया है। आज हम फिर एक हुए हैं और आगे की लड़ाई के लिए तैयार हैं।” इस पर उद्धव ठाकरे ने जोड़ा, “अब हमारे बीच की दूरियां खत्म हो गई हैं। यह फार्मूला, जो अनाजी पंत ने तैयार किया है, अब कायम रहेगा।” दोनों के भाषणों में मराठी अस्मिता की गूंज साफ सुनाई दी।
आगामी चुनावों में बदल सकती है राजनीति की गणित
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ठाकरे बंधुओं का यह गठबंधन आगामी विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ा बदलाव ला सकता है। मराठी वोटों के विभाजन को रोकते हुए यह ऐतिहासिक एकता सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए गंभीर चुनौती पेश कर सकती है। उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण का अंत करते हुए मराठी जनता से एकजुट होने की अपील की और कहा, “संघर्ष हमारा पंचम अंग है, और हम सब मिलकर बालासाहेब के विचारों की मशाल आगे बढ़ाएंगे।”