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नागपुर।
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने कनारा बैंक के पूर्व कर्मचारी रत्तनदीप बोरकर के खिलाफ फर्जी टैक्स रिफंड घोटाले का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि बोरकर ने नौकरी छोड़ने के बाद भी बैंक की सिस्टम में अपने सक्रिय लॉगिन का इस्तेमाल कर 1.26 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी टीडीएस रिफंड जारी कराए। यह मामला आयकर विभाग की जांच के दौरान सामने आया, जिसमें 2011–12 से 2018–19 के बीच के मामलों में हेरफेर की गई थी।
बिना पैन वाले खातों को बनाया निशाना
CBI की FIR के मुताबिक, बोरकर ने उन खातों को चुना जिनमें टीडीएस तो काटा गया था, लेकिन पैन की जानकारी दर्ज नहीं थी। इसके बाद उसने 92 परिचित लोगों के पैन नंबर जोड़कर रिटर्न संशोधित किए और फर्जी रिफंड उनके नाम पर जारी कराए। यह रिफंड नागपुर के गांधी नगर, सिताबुल्दी, रामदासपेठ और सदर क्षेत्र की कनारा बैंक शाखाओं से फाइल किए गए। जांच में पता चला कि इनमें से कई खाते वरिष्ठ नागरिकों के थे, जो पैन न होने की वजह से आसान निशाना बन गए।
फर्जी दस्तावेज और अंदरूनी मदद का भी संदेह
FIR में अज्ञात बैंक अधिकारियों पर भी शक जताया गया है, जिससे अंदेशा है कि इस घोटाले में अंदरूनी मदद भी शामिल हो सकती है। बोरकर पर ‘कंसो’ फाइल, यूनिक टोकन नंबर में हेरफेर करने, फर्जी फॉर्म 27A तैयार करने और बैंक अधिकारियों के हस्ताक्षर नकली बनाने के आरोप हैं। फर्जी रिफंड जुलाई 2023 से सितंबर 2024 के बीच प्रोसेस हुए। फिलहाल आयकर विभाग ने जिन लोगों के पैन नंबर इस घोटाले में इस्तेमाल हुए, उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ शुरू कर दी है, और मामले की विस्तृत जांच जारी है।