- अनुचित नियमों के खिलाफ नागपुर में उग्र आंदोलन की चेतावनी

नागपुर।
स्कूली छात्रों को लाने-ले जाने वाली निजी वैन चालकों (Van drivers) ने सरकार पर अनुचित नियम थोपने का आरोप लगाते हुए कड़ा ऐलान किया है। उनका कहना है कि यदि 2011 की स्कूली परिवहन नीति की विसंगतियां तुरंत दूर नहीं की गई, तो 23 अगस्त को नागपुर में प्रस्तावित महासम्मेलन में उग्र आंदोलन की दिशा तय की जाएगी। वाहतूक आघाडी वेलफेयर असोसिएशन और स्कूल वैन चालक संघटना ने संयुक्त पत्रकार परिषद में यह चेतावनी दी।
असमान नियम और टैक्स से चालकों पर बोझ
संघटनाओं ने आरोप लगाया कि शैक्षणिक संस्थानों की बसों के लिए 20 वर्ष की आयुसीमा है, जबकि निजी वैन चालकों के लिए 15 वर्ष रखी गई है, जो अन्यायपूर्ण है। साथ ही, स्कूल बसों पर प्रति सीट 4200 रुपये टैक्स है, वहीं 7-सीटर वैन चालकों से प्रति विद्यार्थी 7000 रुपये तक वसूला जाता है। चालकों का कहना है कि छोटे वाहनों पर बड़े वाहनों जैसे नियम लागू करना अनुचित है। स्कूलों की समय सारिणी बदलने से उनकी आय में भी गिरावट आई है।
प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
संघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि नियमों में केवल वैन चालकों को ही दोषी ठहराया जाता है, जबकि स्कूल, शिक्षक, अभिभावक और स्थानीय समिति की कोई जवाबदेही नहीं तय की जाती। फिटनेस पासिंग में हर साल नियम बदलते हैं, जिससे चालकों को मानसिक और आर्थिक नुकसान होता है। पुलिस मामूली कारणों से चालान भेजती है, लेकिन अवैध रूप से बच्चों को ढोने वाले वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने मांग की कि ऐसे वाहनों को लाइसेंस देकर वैध किया जाए और पुराने चालकों को नया वाहन उपलब्ध कराया जाए।
दिए गए निवेदन
अब तक केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, मुख्यमंत्री, पालकमंत्री, परिवहन मंत्री आदि सभी को निवेदन सौंपे जा चुके हैं, लेकिन सरकार मांगों की अनदेखी कर रही है। अगर ये मांगें तुरंत नहीं मानी गईं तो आंदोलन किया जाएगा।
- उदय आंबूलकर, सचिव, वाहतूक आघाडी वेलफेयर असोसिएशन
अवैध वाहनों पर नहीं देते ध्यान
पुलिस सिट बेल्ट जैसे मामूली मामलों में ऑनलाइन चालान भेजती है, लेकिन बच्चों को ढोने वाले अवैध वाहनों पर ध्यान नहीं देती। उन्होंने मांग की कि ऐसे अवैध वाहनों को वैध लाइसेंस दिया जाए ताकि वैध/अवैध का विवाद खत्म हो सके और 50 वर्ष से अधिक उम्र के चालकों और आयु सीमा पार कर चुके वाहनों को सरकार द्वारा नया वाहन दिया जाए।
- नितीन पात्रीकर