- बारिश में बन गया था स्किड ट्रैप
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नागपुर।
अंबाझरी (Ambazari) ब्रिज से लेकर धरमपेठ साइंस कॉलेज मेट्रो स्टेशन तक का सड़क हिस्सा लंबे समय से हादसों का कारण बना हुआ था। पक्की सड़क और बगल के पेवर ब्लॉक्स के बीच ऊंचाई में अंतर होने के कारण यह हिस्सा दोपहिया वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहा था। खासकर बारिश में यह खतरनाक गड्ढा पानी में छिप जाता था, जिससे स्किड होने के मामले बढ़ गए। लगातार हो रही दुर्घटनाओं और नागरिकों के विरोध के बाद अंततः सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) डिवीजन नं. 2 ने सड़क की मरम्मत शुरू की है।
पेवर ब्लॉक्स को निकालकर किया गया समतलीकरण
PWD के अधिशासी अभियंता ऋषिकांत राऊत ने जानकारी दी कि विभाग ने धंसे हुए पेवर ब्लॉक्स को हटाया, उनके नीचे की सतह को दोबारा संकुचित किया और ब्लॉक्स को समतल तरीके से फिर से बिछाया गया। यह पेवर ब्लॉक्स पहले बिजली, पानी और टेलिकॉम लाइनों जैसे भूमिगत सुविधाओं की वजह से सीमेंट रोड की जगह लगाए गए थे, ताकि जरूरत पड़ने पर खुदाई आसान हो। लेकिन भारी वाहनों की आवाजाही के चलते ये ब्लॉक्स धंसने लगे, जिससे सड़क अस्थिर हो गई।
स्थायी समाधान की मांग तेज
हालांकि फिलहाल खतरा टल गया है, लेकिन स्थायी समाधान अब भी जरूरी है। इसको लेकर पीडब्ल्यूडी अब पतली सीमेंट की परत डालने जैसे उपायों पर विचार कर रहा है, ताकि भविष्य में ब्लॉक्स न धंसें। वहीं, नागपुर महानगरपालिका के धरमपेठ विभाग ने भी पीडब्ल्यूडी को स्थायी समाधान की मांग करते हुए पत्र भेजा है। डिप्टी इंजीनियर प्रमोद मोकड़े ने कहा कि लगातार हो रही दुर्घटनाएं इसे तत्काल हल करने योग्य विषय बनाती हैं। फिलहाल मरम्मत से कुछ राहत मिली है, लेकिन नागरिक तब तक सतर्क बने रहेंगे जब तक स्थायी मरम्मत नहीं होती।