- 27वें पायदान पर फिसला नागपुर
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नागपुर।
स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survey) 2024-25 की हालिया रैंकिंग में नागपुर को बड़ा झटका लगा है। देश के एक मिलियन से अधिक आबादी वाले 40 शहरों में नागपुर 27वें स्थान पर पहुंच गया है। गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा घोषित इस रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि शहर स्वच्छता मिशन में पिछड़ता जा रहा है। अहमदाबाद (रैंक 1), भोपाल (2), और रायपुर (4) जैसे शहरों ने इस बार भी टॉप रैंकिंग में जगह बनाई, जबकि नागपुर महाराष्ट्र के कई शहरों पिंपरी-चिंचवड (7), पुणे (8), ठाणे (15), नाशिक (22) और कल्याण-डोंबिवली (24) से भी पीछे रह गया।
वर्षभर की सफाई में भी प्रदर्शन कमजोर
स्वच्छ सर्वेक्षण लीग (SSL) के तहत सालभर की सफाई व्यवस्था पर मिले अंकों में नागपुर को कुल 9,328 अंक प्राप्त हुए। इसके विपरीत इंदौर ने लगातार आठवीं बार पहला स्थान हासिल कर अपनी श्रेष्ठता को बरकरार रखा। वहीं, सूरत, नवी मुंबई और विजयवाड़ा जैसे शहर भी शीर्ष रैंकिंग में मजबूती से डटे रहे। नगर निगम द्वारा कचरा प्रबंधन और स्वच्छता सुधार के प्रयासों के बावजूद नागपुर फिर एक बार 'गारबेज फ्री सिटी' रेटिंग में एक भी स्टार हासिल करने में असफल रहा।
कचरा प्रबंधन में खामियां बनी चुनौती
नागपुर महानगरपालिका की तमाम कोशिशों के बावजूद वैज्ञानिक ढंग से कचरे के निपटान, पुराने कचरा डंप हटाने और स्रोत स्तर पर कचरे के पृथक्करण में जागरूकता की कमी मुख्य वजह बनकर उभरी है। गारबेज फ्री सिटी स्टार रेटिंग में लगातार विफलता यह दर्शाती है कि जमीनी स्तर पर योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है और आम जनता की भागीदारी भी अपेक्षित स्तर पर नहीं है।
वाटर++ अधूरा सपना
हालांकि एक सकारात्मक खबर यह है कि नागपुर ने खुले में शौच मुक्त (ODF) श्रेणी में अपना ‘Water+’ सर्टिफिकेशन बरकरार रखा है। यह प्रमाणपत्र शहर में उपचारित गंदे पानी के पुनः उपयोग और सार्वजनिक शौचालयों की उपस्थिति को दर्शाता है। लेकिन, नगर निगम की कोशिशों के बावजूद ‘Water++’ स्तर का उन्नत प्रमाणपत्र हासिल नहीं हो पाया, जिससे यह स्पष्ट है कि उन्नत शहरी स्वच्छता मानकों को पूरा करना अभी भी बाकी है। अब समय आ गया है कि नगर निगम ठोस योजना बनाकर उसे ज़मीन पर उतारे और नागपुर को फिर से स्वच्छता की दौड़ में आगे लाने के लिए निर्णायक कदम उठाए।