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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
महाराष्ट्र सरकार ने करीब 50 वर्षों से लगी रोक को हटाते हुए शराब दुकानों (Liquor shops) के 328 नए लाइसेंस जारी करने की योजना बनाई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले का मुख्य उद्देश्य राज्य के राजस्व में इजाफा करना है। वर्तमान में राज्य में 1,713 लाइसेंस हैं और अब इस कदम से इनकी संख्या लगभग 19% बढ़ जाएगी।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में समिति का गठन
नए विदेशी शराब लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि कैपोविटी नामक शराब निर्माता कंपनी के निदेशक जय पवार, अजित पवार के रिश्तेदार हैं। इससे लाइसेंस प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि राज्य में पिछले पांच दशकों से वाइन शॉप के लाइसेंस पर रोक लगी हुई थी, जिसे अब हटाने की संभावना है।
“नियमों के भीतर ही निर्णय” – अजित पवार
अजित पवार ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा, “हमने नियम बनाया है कि अगर हमें लाइसेंस देना है तो बिना विधानसभा को विश्वास में लिए नहीं देंगे। अन्य राज्यों में भी लाइसेंस की संख्या बढ़ रही है, लेकिन हम सब कुछ नियमों के भीतर करते हैं। किसी दुकान को स्थानांतरित करना हो तो भी नियमों के तहत ही अनुमति देते हैं। यदि महिलाओं की मांग होती है तो दुकानों को बंद भी कर देते हैं।” इस निर्णय को लेकर राज्य में राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है और इसके दूरगामी प्रभावों पर भी नजर रखी जा रही है।