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नागपुर।
पूर्व नागपुर के साईं नगर (Sai Nagar) में हाल ही में आई बारिश के दौरान प्रशासन पूरी तरह नदारद रहा, तो स्थानीय लोग खुद मददगार बन गए। गलियां पानी में डूबीं, घरों में पानी भर गया और कोई आपातकालीन टीम न पहुंची, तो 12 परिवारों ने मिलकर 7,000 इकट्ठा किए और खुद एक जेसीबी मशीन किराए पर ली। “बच्चे फंसे थे, बुजुर्ग हिल नहीं पा रहे थे। इंतजार करने की बजाय हमें खुद कुछ करना पड़ा,” विजय पाटिल ने बताया, जिन्होंने 500 का योगदान दिया। संकट के समय मदद को पहचाने जाने वाले ऑपरेटर समीर वानखेड़े एक घंटे में पहुंचे। “चारों ओर अफरा-तफरी थी, पानी निकलने का रास्ता ही नहीं था,” समीर ने कहा। फिर उन्होंने स्थानीयों की मदद से ड्रेनेज की गंदगी हटाकर और नाले की ओर अस्थायी रास्ते बनाकर पानी का बहाव शुरू किया।
प्रशासन नदारद, नागरिक बने मसीहा
करीब चार घंटे तक चले इस अभियान में मेहनाज बेगम और सुरेश जोशी जैसे निवासी भी घुटनों तक पानी में खड़े होकर समीर का मार्गदर्शन करते रहे। जोशी ने कहा, “वो सिर्फ काम करने नहीं, हमारे अपने बनकर आए थे।” नाग और पीली नदियों का पानी तो उफना ही था, पर प्लास्टिक से अटी पड़ी नालियों ने हालात और बिगाड़ दिए। शाम तक नगर निगम (NMC) की कोई टीम नहीं पहुंची। शिक्षिका संध्या काले ने सवाल उठाया, “अगर नागरिक इतनी जल्दी कुछ कर सकते हैं, तो प्रशासन क्यों नहीं?” साईं नगर का पानी भले उतर गया, पर साहस और एकजुटता की लहरें देर तक लोगों के दिलों में गूंजती रहीं।