(Image Source-Internet)
रायपुर।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) देश के सबसे तेजी से उभरते औद्योगिक राज्यों में शामिल हो गया है। पिछले डेढ़ साल में राज्य को 6.75 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिससे निवेशकों का बढ़ता भरोसा साफ दिखता है। हाल ही में रायपुर में आयोजित ‘इंडस्ट्री डायलॉग 2’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में 1.25 लाख करोड़ के नए निवेश प्रस्तावों पर सहमति बनी। एक समय केवल खनिज संपदा के लिए पहचाने जाने वाला यह राज्य अब नवाचार और अवसरों का केंद्र बनता जा रहा है।
बस्तर और सरगुजा में भी उद्योग की बयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर, जो कभी सिर्फ सुरक्षा के मुद्दों के लिए जाना जाता था, आज उद्योग, तकनीक और रोजगार का नया केंद्र बन रहा है। औद्योगिक नीति 2025 के तहत सिंगल विंडो सिस्टम 2.0, तेज़ भूमि आवंटन और विशेष प्रोत्साहनों ने राज्य को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है। महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति, थर्ड जेंडर और पूर्व नक्सलियों को भी खास छूट दी जा रही है, जिससे बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी क्षेत्र भी विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।
हाई-टेक निवेश और बुनियादी ढांचा
रायपुर के पास पहला स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) तैयार हो रहा है, जिसमें आईटी, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। नवा रायपुर में 11,000 करोड़ की लागत से सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई आधारित डाटा सेंटर पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही, लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2025 के तहत लॉजिस्टिक्स पार्क, कोल्ड चेन और एयर कार्गो जैसी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियां तेज़ होंगी।
शांति, पर्यटन और विकास की नई कहानी
नक्सल प्रभावित बस्तर में अब विकास और पर्यटन की नई तस्वीर दिख रही है। पिछले 18 महीनों में सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया या गिरफ्तार हुए। नीयद नेल्लनार योजना के तहत सुदूर गांवों में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा पहुंचाई गई। धूमधारस गांव को यूएन ने “बेस्ट टूरिज्म विलेज” का दर्जा मिला, और कांगेर घाटी को यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया गया। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और पहचान दोनों मिल रहे हैं।
विकास की रफ्तार और हरित भविष्य
राज्य सरकार ने 2025-26 के लिए 9,500 करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर खर्च करने की योजना बनाई है, जिसमें सड़क निर्माण, रेल प्रोजेक्ट और हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण शामिल है। साथ ही, ग्रीन स्टील, सौर ऊर्जा और टिकाऊ औद्योगिक ज़ोन के ज़रिए पर्यावरण के अनुकूल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य की विकास दर 7.5% पर बनी हुई है, और लक्ष्य है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक जीएसडीपी 6.35 लाख करोड़ तक पहुंच जाए, जिससे छत्तीसगढ़ ‘विकसित भारत’ की दिशा में एक सशक्त भूमिका निभा सके।