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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
पुरी, ओडिशा में गुरुवार को भगवान जगन्नाथ (Jagannath), बलभद्र और देवी सुभद्रा के ‘नबयौवन दर्शन’ के पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने 12वीं सदी के श्रीजगन्नाथ मंदिर में दर्शन हेतु उमड़ पड़े। स्नान पूर्णिमा के बाद ‘अनासर घर’ में 15 दिनों के विश्राम के पश्चात जब देवताओं ने ‘रत्न वेदी’ पर पुनः सार्वजनिक दर्शन दिए, तो श्रद्धालुओं ने भोर से पहले ही मंदिर के सिंह द्वार पर आकर दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया। इस अवसर को ‘नेत्र उत्सव’ भी कहा जाता है, जब देवताओं की आंखों की विशेष विधि से चित्रकारी की जाती है।
विशेष वेशभूषा में हुए दर्शन, तैयारियां चरम पर
श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) के अनुसार, नबयौवन दर्शन सुबह 8 बजे से 10:30 बजे तक संपन्न हुआ। इस दौरान देवताओं ने ‘नबयौवन वेष’ धारण किया, जो उनके स्वास्थ्यलाभ और नवयौवन की प्रतीकात्मकता दर्शाता है। सुबह 8 से 9 बजे तक परमाणिक (पेड) दर्शन की अनुमति दी गई, इसके बाद आम श्रद्धालुओं को दर्शन का अवसर मिला। SJTA के मुख्य प्रशासक अरविंद पद्ही ने जानकारी दी कि सभी रस्में शांतिपूर्ण तरीके से पूर्ण हुईं और अब रथ यात्रा की भव्य तैयारियां जारी हैं।
रथ यात्रा हेतु सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
27 जून को आयोजित होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी और केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है, वहीं पहली बार नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के कमांडो भी छतों पर निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं। पूरे पुरी में 275 एआई-समर्थित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। भीड़ नियंत्रण, यातायात व्यवस्था, चिकित्सा सहायता और अन्य सेवाओं को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रीगुंडिचा मंदिर के आसपास सुरक्षा और तटीय निगरानी के लिए मरीन पुलिस, कोस्ट गार्ड और भारतीय नौसेना मिलकर काम कर रहे हैं।