जो तैरा आसमान तक – एक ऑटिज़्म वॉरियर की जलयात्रा

    19-Jun-2025
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- जिया राय की असाधारण कहानी

Jiya Rai(Image Source-Internet)  
 
मुंबई की रहने वाली जिया राय (Jiya Rai) ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर इरादे बुलंद हों, तो न उम्र मायने रखती है और न ही कोई शारीरिक या मानसिक चुनौती। जिया एक ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से प्रभावित बच्ची हैं, लेकिन उनकी इच्छाशक्ति और साहस ने उन्हें दुनिया की सबसे प्रेरणादायक किशोर तैराकों में शामिल कर दिया। उन्होंने न केवल समुद्र की लहरों से जंग लड़ी, बल्कि समाज की सीमाओं को भी पीछे छोड़ दिया।
 
13 की उम्र में पार किया समुद्र
8 मार्च 2021, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन जिया ने इतिहास रच दिया। मात्र 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने श्रीलंका के तलाईमन्नार तट से भारत के धनुषकोडी (तमिलनाडु) तक की 36 किलोमीटर लंबी समुद्री दूरी को तैरते हुए पार किया। उन्होंने यह कठिन यात्रा लगभग 13 घंटे में पूरी की, जिसमें समुद्र की तेज लहरें, ठंडा पानी और थकावट जैसी कई बाधाएं थीं। पर जिया ने हार नहीं मानी और अपनी जीत से लाखों लड़कियों और दिव्यांगों को उम्मीद की नई किरण दी।
 
इंग्लिश चैनल फतह कर बनीं सबसे युवा पैरा-स्विमर
जिया की प्रेरक यात्रा यहीं नहीं रुकी। जुलाई 2024 में उन्होंने विश्व प्रसिद्ध इंग्लिश चैनल (34 किमी) को 17 घंटे 25 मिनट में तैरकर पार किया। इस कारनामे ने उन्हें दुनिया की सबसे युवा और सबसे तेज़ पैरा-स्विमर बना दिया। इसके बाद फरवरी 2025 में उन्हें World Open Water Swimming Association (WOWSA) द्वारा "एडाप्टिव परफॉर्मेंस ऑफ द ईयर" अवॉर्ड से नवाज़ा गया, जिसे प्राप्त करने वाली वह भारत की पहली ओपन वॉटर स्विमर बनीं।
 
जिंदगी से संघर्ष, पानी से प्रेम
जिया के सफर की शुरुआत सामान्य नहीं रही। ऑटिज़्म से ग्रसित होने के बावजूद उन्होंने अपनी स्थिति को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया। उनके पिता भारतीय नौसेना में कार्यरत हैं और माँ ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। यूट्यूब से तैराकी की तकनीकें सीखते हुए, उन्होंने अपनी मेहनत से हर चुनौती को मात दी। जिया का सपना है कि वह दुनिया के सातों महासागर पार करें और ऑटिज़्म के प्रति जागरूकता फैलाएँ।
 
हर लड़की और दिव्यांग के लिए प्रेरणा
आज जिया राय केवल एक नाम नहीं, बल्कि हिम्मत, लगन और आत्मबल की प्रतीक बन चुकी हैं। उनकी कहानी लाखों बच्चों, विशेषकर बेटियों और दिव्यांगों के लिए यह संदेश देती है कि अगर मन में विश्वास और इरादा हो, तो कोई भी लहर, कोई भी सीमा रोक नहीं सकती। जिया ने हमें सिखाया है कि सच्चा साहस बाहरी नहीं, बल्कि अंदर से आता है — और उसी से इतिहास रचा जाता है।