भारतीय फार्मा उद्योग में 10% की संभावित वृद्धि: रिपोर्ट

    12-Jun-2025
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Indian pharma industry
 (Image Source-Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
भारतीय दवा कंपनियों (Indian pharma industry) के लिए वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में लगभग 10 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि की उम्मीद जताई गई है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी और नए उत्पादों के लॉन्च के चलते संभव होगी। रिपोर्ट में कहा गया है, "भारतीय कारोबार FY26 में लगभग 10 प्रतिशत की स्थिर दर से बढ़ने की संभावना है," जबकि अमेरिका और भारत जैसे मुख्य बाजारों में अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि देखी गई — अमेरिका में 6.5 प्रतिशत और भारत में 10.2 प्रतिशत।
 
अमेरिकी बाजार में अनिश्चितता बरकरार
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी बाजार में प्रदर्शन अस्थिर बना हुआ है, विशेषकर जेनेरिक रेवलिमिड (Revlimid) को लेकर बढ़ती मूल्य प्रतिस्पर्धा की वजह से। यह आगामी वर्ष में कंपनियों की आय पर दबाव डाल सकता है। हालांकि, निर्यात-आधारित सीडीएमओ (कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन) कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन दिखाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन कंपनियों को विश्लेषण में शामिल किया गया, उन्होंने राजस्व में 11.2 प्रतिशत, EBITDA में 12.6 प्रतिशत और PAT में 15.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
 
Q4FY25 में मजबूत तिमाही प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में फार्मा कंपनियों ने शानदार नतीजे पेश किए। इस दौरान राजस्व 11.7 प्रतिशत, EBITDA 15.6 प्रतिशत और PAT 19.0 प्रतिशत की दर से बढ़ा। हालांकि सकल मार्जिन (Gross Margin) में सालाना और तिमाही दोनों आधार पर 10 आधार अंकों की मामूली गिरावट आई, और यह 67 प्रतिशत पर आ गया। दूसरी ओर, EBITDA मार्जिन में सालाना आधार पर 82 आधार अंकों की वृद्धि दर्ज की गई और यह 24.9 प्रतिशत रहा, हालांकि तिमाही आधार पर इसमें 12 आधार अंकों की हल्की गिरावट आई।
 
R&D खर्च में हल्का उतार-चढ़ाव, लेकिन उम्मीदें बरकरार
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इन कंपनियों का कुल अनुसंधान एवं विकास (R&D) खर्च Q4FY25 में बिक्री का 6.7 प्रतिशत रहा, जो Q4FY24 के 7.2 प्रतिशत से कम था, लेकिन Q3FY25 के 6.5 प्रतिशत से थोड़ा अधिक रहा। कुल मिलाकर, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भारतीय फार्मा उद्योग की FY26 में संभावित मजबूती को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया है, खासकर घरेलू बाजार की स्थिरता और नए उत्पादों की मजबूत पाइपलाइन को देखते हुए।