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मुंबई।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अहम कदम उठाए हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज्य के वरिष्ठ पुलिस तथा खुफिया अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में राज्य की सुरक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा की गई और आवश्यक निर्देश जारी किए गए।
सभी जिलों में वॉर रूम और मॉक ड्रिल के निर्देश
मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्य में हर जिले में वॉर रूम स्थापित करने और नियमित मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ब्लैकआउट की स्थिति में अस्पतालों में वैकल्पिक बिजली व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जबकि नागरिकों और छात्रों को ब्लैकआउट के बारे में जागरूक करने के लिए वीडियो बनाए और प्रसारित किए जाएं। साथ ही, ‘यूनियन वॉर बुक’ का अध्ययन कर सुरक्षा एजेंसियों को तैयार रहने को कहा गया।
साइबर सुरक्षा और समुद्री निगरानी पर भी जोर
फडणवीस ने साइबर सेल को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों पर नजर रखने और तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सभी महत्वपूर्ण सेवाओं पर साइबर हमले की संभावना को देखते हुए तत्काल साइबर ऑडिट कराने को कहा गया है। साथ ही, समुद्री सुरक्षा के लिए मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर किराए पर लेने का सुझाव दिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सैन्य गतिविधियों का वीडियो बनाना और प्रसारण करना अपराध माना जाएगा। इन सख्त कदमों से राज्य सरकार की तैयारियों की गंभीरता स्पष्ट होती है।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने भी दिया आश्वासन
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए महाराष्ट्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया है कि सरकार पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहा, "सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की गई, जिसमें मुंबई सहित पूरे राज्य की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। हम केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे।"