(Image Source : Internet)
बीजापुर:
मिशन संकल्प (Mission Sankalp) के तहत सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा स्थित कारेगुट्टा की पहाड़ियों में अब तक 22 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। यह अभियान पिछले 10 दिनों से जारी है और इसे नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन बताया जा रहा है। इस ऑपरेशन में 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी शामिल हैं, जो कठिन जंगल और पहाड़ी इलाकों में सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की पुष्टि
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अभियान की पुष्टि करते हुए कहा, “अब तक 22 से अधिक नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। ऑपरेशन अभी भी जारी है।” पहले 15 मौतों की खबर आई थी, लेकिन जैसे-जैसे सर्च ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है, मृतकों की संख्या बढ़ रही है। इस बीच, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, “मैंने नक्सल इतिहास में इतना बड़ा ऑपरेशन पहले कभी नहीं देखा।”
कठिन भू-भाग में विशिष्ट बलों की तैनाती
इस अभियान में डीआरजी, कोबरा, सीआरपीएफ और एसटीएफ जैसी विशिष्ट इकाइयाँ शामिल हैं, जो घने जंगलों और गुफाओं से भरे इलाकों में नक्सलियों से सीधा मुकाबला कर रही हैं। एडीजी नक्सल ऑप्स विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ आईजी राकेश अग्रवाल और बस्तर आईजी पी. सुंदरराज जैसे वरिष्ठ अधिकारी इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।
मिशन संकल्प: रणनीतिक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम
मिशन संकल्प को भारत की नक्सल विरोधी रणनीति में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। यह सुव्यवस्थित हमला न सिर्फ नक्सल नेतृत्व को एक बड़ा झटका देता है, बल्कि उस क्षेत्र को भी सुरक्षित बनाता है, जो लंबे समय से उग्रवादियों के लिए रणनीतिक आधार बना हुआ था। ऑपरेशन जारी रहने के कारण मृतकों की संख्या और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।