मध्य भारत में पहली बार हुआ टोटल एंडोस्कोपिक माइट्रल वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी

    30-May-2025
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- शालिनीताई मेघे अस्पताल, वानाडोंगरी में ऐतिहासिक उपलब्धि

Total endoscopic mitral valve replacement surgery(Image Source-Internet) 
नागपुर :
शालिनीताई मेघे हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (SMHRC), वानाडोंगरी ने मध्य भारत की पहली टोटल एंडोस्कोपिक माइट्रल वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी (Total endoscopic mitral valve replacement surgery) सफलतापूर्वक कर एक नया इतिहास रचा है। इस 1020 बेड वाले अस्पताल में यह उन्नत और न्यूनतम चीरा तकनीक वाली सर्जरी डॉ. सुम्बुल सिद्दीकी और उनकी सीवीटीएस टीम द्वारा की गई। इस उपलब्धि ने क्षेत्रीय कार्डिएक केयर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
 
तकनीक और टीमवर्क का संगम
यह सर्जरी अत्यंत विशेषज्ञता और हाथ-आंख समन्वय की मांग करती है, जिसमें बड़े चेस्ट चीरे की आवश्यकता नहीं होती। इससे मरीजों को कम दर्द, कम जख्म और जल्दी रिकवरी का लाभ मिलता है। डॉ. सिद्दीकी ने बताया कि मरीज—a 40 वर्षीय महिला, पहले से ही गंभीर हृदय रोग से जूझ रही थीं और उच्च जोखिम वाली श्रेणी में थीं। ICU और कार्डियोलॉजी टीम की मदद से उन्हें स्थिर किया गया और फिर आधुनिकतम तकनीक से जीवनरक्षक सर्जरी की गई।
 
टीम भावना बनी सफलता की कुंजी
सर्जरी के दौरान डॉ. अजय हर्दस, डॉ. अविनाश रिनायत, डॉ. आवेश हसन, एनेस्थेटिस्ट डॉ. प्रसाद पानबुडे, और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव वाघले जैसे विशेषज्ञों की टीम ने मिलकर कार्य किया। नर्सिंग और ओटी टीम, जिनमें सिस्टर प्रेरणा, ब्रदर गणेश, सिस्टर क्रिस्टिना (परफ्यूशनिस्ट), ब्रदर किशोर और ब्रदर आशीष जैसे सदस्य शामिल थे, ने सर्जरी के हर चरण को निर्बाध रूप से सुनिश्चित किया।

निःशुल्क सर्जरी – समानता के लिए समर्पण
इस सर्जरी को महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (MJPJAY) के तहत निःशुल्क किया गया, जिससे SMHRC की ‘समानता में उत्कृष्टता’ की सोच उजागर होती है। डॉ. वसंत गावंडे ने बताया कि आधुनिक इलाज अब आम जनता के लिए भी सुलभ है। इस ऐतिहासिक सफलता ने SMHRC को एक बार फिर क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी सिद्ध कर दिया है, जैसा कि सागर मेघे के अनुसार दत्ता मेघे के स्वप्न को साकार किया।