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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का राजनीतिकरण करने और सेना के अभियान का श्रेय लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर हमारे सैनिकों ने किया है, लेकिन प्रधानमंत्री हर राज्य में जाकर इसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। सिंदूर एक पवित्र परंपरा है, और अगर बीजेपी कार्यकर्ताओं को महिलाओं के पास भेजा जा रहा है, तो यह परंपरा का अपमान है।”
'सिंदूर की परंपरा का अपमान, आतंकियों पर चुप्पी'
राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री इस अभियान का क्रेडिट लेने की होड़ में सबसे आगे हैं और इस तरह से सिंदूर जैसे पवित्र प्रतीक का अपमान हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहलगाम के छह आतंकवादी अब तक पकड़े नहीं गए हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “कहीं ऐसा न हो कि एक दिन बीजेपी कार्यालय से प्रेस नोट आ जाए कि ये छह आतंकी भी अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं।”
विपक्ष की एकजुटता, राहुल गांधी की अगुवाई में विशेष सत्र की मांग
संजय राउत ने यह भी जानकारी दी कि विपक्षी दल एक बार फिर एकजुट हो गए हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए एक संयुक्त पत्र सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी नेताओं के हस्ताक्षर वाला यह पत्र जल्द ही केंद्र को सौंपा जाएगा, ताकि 'ऑपरेशन सिंदूर' समेत सुरक्षा और कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में खुलकर बहस हो सके।
कांग्रेस की मांग: पीएम की अध्यक्षता में हो सर्वदलीय बैठक
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी संसद के विशेष सत्र की मांग दोहराई थी। उन्होंने कहा, “हमने मांग की थी कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हो। अब तक दो बैठकें हुई हैं, लेकिन वे केवल औपचारिकता रहीं। रक्षामंत्री ने अध्यक्षता की, पर कोई सार्थक चर्चा नहीं हुई।” उन्होंने कहा कि 22 फरवरी 1994 को सर्वसम्मति से पास किए गए प्रस्ताव की तर्ज पर एक नया प्रस्ताव लाया जाए, ताकि आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर दुनिया को भारत की एकजुटता का संदेश जाए।