(Image Source : Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
मणिपुर (Manipur) में 3 मई 2023 को कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हुए जातीय दंगों को आज दो साल हो गए हैं। इन हिंसक घटनाओं ने सैकड़ों लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित किया और राज्य पर गहरा असर छोड़ा। हालांकि अब सुरक्षा व्यवस्था में काफी सुधार देखा जा रहा है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबल सतर्कता से तैनात हैं और शांति बनाए रखने में सहायक हो रहे हैं। राज्यभर में अब एक सामान्य स्थिति बन रही है और लोग आगे बढ़ने की कोशिश में लगे हैं।
उखरूल में शांति की पुकार
हिंसा से गहराई से प्रभावित उखरूल जिले में सभी वर्गों और पीढ़ियों में शांति की गूंज सुनाई दे रही है। स्थानीय निवासी रिंगगामला शिमराह ने कहा, "हम अपने राज्य में शांति चाहते हैं, विशेष रूप से पहाड़ी और मैदानी इलाकों में।" उन्होंने छात्रों की परेशानी को रेखांकित करते हुए कहा कि वे मैदानी क्षेत्रों में जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन डर के माहौल में यह कठिन हो गया है। अचूई शिमराय ने भी भावनात्मक और मानसिक प्रभाव को लेकर चिंता जताई और कहा कि वे चाहते हैं कि राज्य में सामान्य स्थिति जल्द से जल्द लौटे।
इंफाल में उम्मीदें, मगर सतर्कता के साथ
राजधानी इंफाल में रहने वाले लोग अब भी सतर्क हैं, लेकिन उनमें उम्मीद की किरण दिखाई देती है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "स्थिति पहले से बेहतर हुई है, लेकिन पूरी तरह से शांति अब भी नहीं आई है। और सुधार की आवश्यकता है।" वहीं अब्दुल नामक निवासी ने सभी समुदायों से आपसी समझ और प्रेम के साथ आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा, "भारत सरकार और मणिपुर सरकार दोनों ही शांति स्थापना के लिए प्रयास कर रहे हैं। हमें कानून का सम्मान करते हुए सहयोग करना चाहिए।"
चुराचांदपुर से एक नई शुरुआत की उम्मीद
चुराचांदपुर जिले में ज़ोमी काउंसिल के अध्यक्ष वमसुआन नौलक ने सकारात्मक बदलाव की ओर संकेत करते हुए कहा, "अब मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए बहुत अच्छा अवसर है।" उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को आदिवासी समुदायों के साथ संवाद की पहल करनी चाहिए ताकि जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके। उखरूल से लेकर चुराचांदपुर और इंफाल तक, पूरा राज्य अब शांति, आपसी सम्मान और पुनर्निर्माण की राह पर आगे बढ़ना चाहता है।