- पाकिस्तान के मीडिया चैनलों ने शुरू किया गलत सूचना अभियान
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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न तनाव के बीच पाकिस्तान स्थित मीडिया चैनलों और कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स ने भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ "समन्वित गलत सूचना अभियान" चलाया। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान स्थित चैनलों और "ट्रोल नेटवर्क्स" ने यह आरोप लगाया कि रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक जनरल लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को "बर्खास्त" कर दिया गया है और उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के काला पानी में "निर्वासित" कर दिया गया है। हालांकि, यह दावा गलत था, क्योंकि लेफ्टिनेंट जनरल राणा को अंडमान और निकोबार कमांड का कमांडर-इन-चीफ (CINCAN) नियुक्त किया गया था, जो एक महत्वपूर्ण पद है।
पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए अन्य झूठे आरोप
इसी प्रकार, पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया हैंडल्स ने आरोप लगाया कि लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार को "पाहलगाम हमले से संबंधित विफलताओं" के कारण आर्मी के उत्तरी कमांड से हटा दिया गया था। जबकि असल में, लेफ्टिनेंट जनरल कुमार 30 अप्रैल 2025 को 4 दशकों की शानदार सेवा के बाद स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए थे और कमांड बदलाव की सूचना पहले ही दे दी गई थी।
एयर मार्शल एसपी धरकर के खिलाफ झूठा प्रचार
इसके अलावा, एक पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया अकाउंट ने यह दावा किया कि एयर मार्शल एसपी धरकर को "पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने से इनकार करने के कारण" उनके पद से "बर्खास्त" कर दिया गया। हालांकि, एयर मार्शल धरकर ने 30 अप्रैल 2025 को अपने पद से सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्त होने के बाद एक औपचारिक गार्ड-ऑफ-ऑनर प्राप्त किया था और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
भारत की त्वरित प्रतिक्रिया और सफाई
सूत्रों के अनुसार, ये आरोप एक "धोखाधड़ी की योजना" का हिस्सा थे, जो भारत की जवाबी कूटनीतिक प्रतिक्रिया के बाद फैलाए गए थे। इन झूठे आरोपों का उद्देश्य भारतीय सेना की तैयारियों पर संदेह उत्पन्न करना था। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने प्रत्येक आरोप पर त्वरित स्पष्टीकरण जारी किया और गलत जानकारी फैलने से रोकने के लिए उचित कदम उठाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि घरेलू स्तर पर कोई भी भ्रांति न फैले।