पाकिस्तान की सैन्य तैयारियां खतरे में, केवल चार दिन की गोला-बारूद की क्षमता

    03-May-2025
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Pakistan military
 (Image Source : Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
पाकिस्तान (Pakistan) की सैन्य क्षमताएं इस समय गंभीर संकट से गुजर रही हैं। रिपोर्टों के अनुसार, देश के पास उच्च तीव्रता वाले युद्ध के लिए केवल 96 घंटे यानी चार दिन का आर्टिलरी गोला-बारूद बचा है। इसकी मुख्य वजह यूक्रेन को किए गए हथियारों के निर्यात सौदे बताए जा रहे हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की युद्ध भंडारण क्षमताओं को लगभग खाली कर दिया है। पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री (POF) वैश्विक मांग में वृद्धि और पुराने उत्पादन ढांचे के कारण गोला-बारूद की आपूर्ति बहाल करने में विफल रही है।
 
भारत के खिलाफ रणनीति कमजोर
पाकिस्तानी सेना का युद्ध सिद्धांत भारत की संख्यात्मक बढ़त को संतुलित करने के लिए त्वरित लामबंदी और भारी तोपखाने पर आधारित है। लेकिन 155 मिमी गोले (M109 हॉवित्जर के लिए) और 122 मिमी रॉकेट (BM-21 सिस्टम के लिए) की भारी कमी ने इस योजना को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर सामने आई पोस्टों में दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में 155 मिमी गोले यूक्रेन भेजे गए, जिससे घरेलू भंडार लगभग खत्म हो गया है।
 
सेना में व्यापक चिंता
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की सैन्य नेतृत्व में इस स्थिति को लेकर गंभीर चिंता और आंशिक दहशत का माहौल है। 2 मई 2025 को हुई विशेष कोर कमांडरों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पहले ही यह स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान के पास लंबे समय तक युद्ध लड़ने की न तो आर्थिक शक्ति है और न ही गोला-बारूद की क्षमता। हालांकि, सीमावर्ती इलाकों में गोला-बारूद डिपो का निर्माण किया गया है, लेकिन वे भी पर्याप्त नहीं हैं। 

साइबर मोर्चे पर भी विफलता
एक ओर सैन्य तैयारियां चरमराई हुई हैं, वहीं पाकिस्तान डिजिटल युद्ध के मोर्चे पर भी बौखलाया नजर आ रहा है। 1 मई को पाकिस्तान समर्थित हैकर समूहों — "Cyber Group HOAX1337" और "National Cyber Crew" — ने भारतीय वेबसाइटों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की। सेना से जुड़े स्कूलों, पूर्व सैनिकों और बच्चों की वेबसाइटों को हैक करने के प्रयास किए गए, जिन्हें भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत निष्क्रिय कर दिया। यह घटनाएं पाकिस्तान की हताशा और नैतिक पतन को दर्शाती हैं, जो अब युद्ध के नियमों से भी नीचे गिर चुका है।