(Image Source : Internet)
श्रीनगर।
पहलगाम आतंकी हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) (NIA) ने पूरी ताकत झोंक दी है। अब तक 3,000 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की जा चुकी है और लगभग 100 स्थानों पर छापेमारी की गई है। एनआईए की टीम इस समय श्रीनगर में डेरा डाले हुए है और हमले से जुड़ी हर कड़ी को जोड़ने में लगी है। माना जा रहा है कि एनआईए के महानिदेशक सदानंद दाते आज श्रीनगर से दिल्ली लौटकर गृह मंत्रालय को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप सकते हैं।
बैसरन घाटी का निरीक्षण और सुरक्षा समीक्षा
एनआईए महानिदेशक ने अपनी श्रीनगर यात्रा के दौरान बैसरन घाटी का दौरा किया और घटनास्थल पर जांच की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था, खुफिया तंत्र को मजबूत करने और एजेंसियों के बीच बेहतर सूचना साझा करने पर विशेष जोर दिया गया। पीड़ित परिवारों के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं ताकि हमले की पूरी पृष्ठभूमि सामने आ सके।
अल-उमर संस्थापक के घर तक पहुंची जांच
जांच के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाया गया। इस दौरान प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-उमर मुजाहिदीन के संस्थापक मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लाटराम के घर की भी तलाशी ली गई। लाटराम वही आतंकी है जिसे 1999 में आईसी-814 विमान अपहरण कांड के बाद रिहा किया गया था। अब तक 90 ओवरग्राउंड वर्करों (OGWs) के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किए गए हैं।
22 अप्रैल को हुए हमले में 26 की मौत
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। आतंकवादियों ने गोलीबारी कर निर्दोष लोगों को निशाना बनाया और घटना के बाद फरार हो गए। प्रारंभिक जांच में संकेत मिल रहे हैं कि इस हमले के पीछे गहरी साजिश थी। जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आतंकियों ने पर्यटकों को क्यों निशाना बनाया और उनका मकसद क्या था। एनआईए की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय आगे की रणनीति तय करेगा।