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पुणे।
वैष्णवी हगवणे (Vaishnavi Hagwane) आत्महत्या मामले के बाद महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अन्याय के कई मामले सामने आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि न तो पुलिस और न ही महिला आयोग ने इन मामलों पर कोई ठोस कार्रवाई की है। ऐसे में करुणा शर्मा, जो खुद न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं, अब अन्य पीड़ित महिलाओं की आवाज बन गई हैं।
महिला आयोग पर गंभीर आरोप, रूपाली चाकणकर को चेतावनी
करुणा शर्मा के पास न्याय की आस में पहुंच रही महिलाओं ने महिला आयोग की निष्क्रियता को लेकर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। करुणा शर्मा ने महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, "जिन 35 हजार महिलाओं को आपने न्याय दिया है, उन्हें सामने लाइए, वरना हम उन्हीं पीड़ित महिलाओं को लेकर महिला आयोग कार्यालय पर मार्च निकालेंगे।"
दूसरी शादी कर पहले पत्नी से रिश्ता तोड़ा, न्याय की प्रतीक्षा में महिलाएं
कई महिलाएं ऐसी भी सामने आई हैं, जिनके पतियों ने शादी के बाद दूसरी शादी कर ली और पहली पत्नी से सारे संबंध तोड़ लिए। एक पीड़िता, जिसकी शादी बांद्रा कोर्ट में हुई थी, अब अपने छह साल के बेटे के साथ मायके में रह रही है। ससुराल वाले राजनीति में होने के कारण उसे लगातार दहेज की मांगों और तिरस्कार का सामना करना पड़ा।
पुलिस अधिकारी की बेटी भी न्याय से वंचित
एक अन्य पीड़िता, जो पेशे से एक पुलिस अधिकारी की बेटी है, भी महिला आयोग और पुलिस की लापरवाही की शिकार हुई है। पांच साल पहले मुंबई में शादी हुई थी, लेकिन हाल ही में उसके पति ने उससे संबंध तोड़ दिए और दूसरी शादी कर ली। पीड़िता का कहना है कि उसने कई बार महिला आयोग और पुलिस से संपर्क किया, लेकिन उसे अब तक कोई राहत नहीं मिली है।