- आत्महत्या या हत्या? जांच जारी
- दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप
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पुणे।
महाराष्ट्र के पुणे में 23 वर्षीय वैष्णवी हगवणे (Vaishnavi Hagawane) की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत ने राज्य भर में आक्रोश फैला दिया है। वैष्णवी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता राजेंद्र हगवणे की बहू थीं। उनके पिता अनिल कास्पटे द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया कि उनकी बेटी को दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी। 16 मई को वैष्णवी अपने ससुराल में फांसी पर लटकी मिलीं।
दहेज की लालच में 2 करोड़ और सोना-चांदी की मांग
वैष्णवी के परिवार ने आरोप लगाया है कि शादी के समय शशांक हगवणे और उनके परिवार को 510 ग्राम सोना, चांदी के बर्तन और एक लग्जरी कार दी गई थी। इसके बावजूद हाल ही में 2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई थी। परिजनों का कहना है कि इन मांगों को लेकर वैष्णवी को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था।
पुलिस ने की गिरफ्तारी, कुछ अब भी फरार
बवधान पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने वैष्णवी के पति शशांक, सास लता और ननद करिश्मा को गिरफ्तार किया है, जबकि राजेंद्र हगवणे और उनके बड़े बेटे सुशील अभी फरार थे जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच जारी है।
राजनीतिक तूफान: विपक्ष ने मांगा न्याय, एनसीपी ने की कार्रवाई
मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि वैष्णवी के शरीर पर चोटों के निशान हैं जिससे आत्महत्या की बजाय हत्या की आशंका और गहराती है। एनसीपी ने आरोपी राजेंद्र और उनके बेटे को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मामले की त्वरित सुनवाई और दोषियों को राजनीतिक संरक्षण न देने की बात कही है।
10 महीने के बेटे को मिली ननिहाल की गोद
इस पूरे घटनाक्रम में वैश्णवी के 10 महीने के बेटे की कस्टडी भी विवाद का विषय बनी रही। परिजनों का आरोप था कि बच्चे को एक परिचित के पास रखा गया था, जिसने उन्हें धमकाया। बाद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हस्तक्षेप के बाद बच्चा उसके ननिहाल पहुंचाया गया।
परिवार का दर्द: “हमारी बेटी नहीं रही, पर न्याय चाहिए”
वैष्णवी की मां ने पोते को गोद में लेकर कहा, "ऐसा लगा जैसे बेटी घर लौट आई हो, पर फिर हकीकत सामने आ गई।" उनके पिता ने कहा, “ये सब पैसों की वजह से हुआ। हमारी बेटी दोबारा गर्भवती थी और तलाक नहीं चाहती थी। हम अब सिर्फ न्याय चाहते हैं ताकि किसी और बेटी के साथ ऐसा न हो।” महिला आयोग और राजनीतिक नेता इस मामले की निगरानी कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।