- पीएम मोदी के संबोधन पर फडणवीस का बयान
- आतंकवाद और उसे पोषित करने वाले आका अब अलग नहीं रहे
नागपुर। जब मुंबई पर 26/11 का हमला हुआ, तो हमने दुनिया से मांग की थी कि आतंकवाद और उसे पालने वाले आकाओं यानी वहां की सरकार को अलग-अलग नहीं माना जाना चाहिए। लेकिन, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने इसे अपनी आधिकारिक स्थिति घोषित कर दी है, ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा।
पीओके पर ही होगी बात
ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'पीएम मोदी ने भी कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते। पीएम मोदी ने कहा कि अगर बातचीत होगी तो सिर्फ पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) पर होगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के हमले से पाकिस्तान तबाह हो गया और हमारे रक्षा तंत्र ने पाकिस्तान के हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया, जिसके कारण पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया। पाकिस्तान ने भारत को फोन करके बताया कि हमारे बीच युद्ध विराम है, जिसके बाद यह युद्ध विराम हुआ..."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज तीन ‘नये मानदंडों’ का उल्लेख किया। किसी भी आतंकवादी कृत्य को भारत पर हमला माना जाएगा और उसका उतना ही कड़ा जवाब दिया जाएगा। हम कभी भी किसी भी 'परमाणु ब्लैकमेल' को बर्दाश्त नहीं करेंगे, न ही हम आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों, पाकिस्तानी सरकार के बीच भेदभाव करेंगे। ये तीनों बातें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि, हर बार जब कोई आतंकवादी हमला होता था, तो पाकिस्तानी सरकार दुनिया के सामने यह दावा करती थी कि उसका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। आज भारत ने विश्व के सामने अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट रूप से प्रस्तुत की है।
प्रधानमंत्री ने आज यह भी बताया कि किस प्रकार भारत ने पंजाब प्रांत में भी अभियान चलाए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने डर के कारण भारत को फोन कर युद्ध विराम की मांग की। यह दर्शाता है कि भारत ने किस प्रकार ऑपरेशन सिंदूर को शक्ति, सामर्थ्य, धैर्य और सटीकता के साथ क्रियान्वित किया। मैं भारतीय सेना को हार्दिक बधाई देता हूं और पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट कर दिया है कि अब केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर ही चर्चा होगी।