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नई दिल्ली।
भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे विराट कोहली (Virat Kohli) ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। 14 सालों तक टीम इंडिया को अपनी बल्लेबाजी और नेतृत्व से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले कोहली ने सोमवार को इंस्टाग्राम पर यह खबर साझा की, जिससे उनके प्रशंसकों के बीच भावुकता की लहर दौड़ गई।
#269, साइनिंग ऑफ
कोहली ने इंस्टाग्राम पर भावुक पोस्ट में लिखा, "14 साल हो गए हैं जब मैंने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में बैगी ब्लू कैप पहनी थी। यह सफर मैंने कभी सोचा नहीं था। इस फॉर्मेट ने मुझे परखा, गढ़ा और कई जीवन पाठ सिखाए। सफेद कपड़ों में खेलना मेरे लिए बहुत व्यक्तिगत रहा है। अब जब मैं इस फॉर्मेट से विदा ले रहा हूं, यह आसान नहीं है – लेकिन सही लगता है। मैंने इसे अपना सब कुछ दिया और इसने मुझे उससे कहीं ज्यादा वापस दिया। मैं कृतज्ञता के साथ इस फॉर्मेट को अलविदा कह रहा हूं। #269, साइनिंग ऑफ।"
ऑस्ट्रेलिया से ऑस्ट्रेलिया तक
36 वर्षीय इस दिग्गज बल्लेबाज ने क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में लगभग डेढ़ दशक तक अपना जलवा बिखेरा और अब एक युग का अंत हो गया है। टेस्ट क्रिकेट में उनका आखिरी मैच एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया की धरती पर हुआ, वहीं जहां से उनका यह सफर शुरू हुआ था। 2011-12 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया गए युवा विराट को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। शुरुआती दो टेस्ट में केवल 32 रन ही बना सके, लेकिन पर्थ में 44 और 75 रनों की पारियों के बाद उन्होंने एडिलेड में अपना पहला टेस्ट शतक लगाया। चार मैचों में 300 से अधिक रन बनाकर उन्होंने दिखा दिया कि वह कठिन परिस्थितियों में खेलने के लिए तैयार हैं।
2014-15 में विराट का दबदबा
इंग्लैंड में खराब प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रेलिया पहुंचे विराट ने पहले ही टेस्ट में कप्तानी की और दो शतक लगाकर सबको चौंका दिया। पूरी सीरीज में 692 रन बनाकर उन्होंने खुद को दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों में स्थापित किया। यही वह दौरा था जिसने उन्हें एक कप्तान और लड़ाकू बल्लेबाज के रूप में दुनिया के सामने रखा।
2018 की ऐतिहासिक जीत
2018 में विराट कोहली ने एक संतुलित भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से ऐतिहासिक जीत हासिल की। उन्होंने इस सीरीज में 282 रन बनाए, जिसमें पर्थ में तेज पिच पर लगाया गया 123 रन का शतक आज भी याद किया जाता है। यह भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत थी ऑस्ट्रेलिया में।
2020-21 में सिर्फ एक टेस्ट
2020-21 की सीरीज में कोहली ने सिर्फ एक टेस्ट खेला और 74 रनों की पारी खेली। लेकिन दूसरी पारी में भारत की 36 रन पर पारी सिमटने के बाद वह निजी कारणों से भारत लौट आए। उनकी गैरमौजूदगी में रहाणे की कप्तानी में भारत ने सीरीज जीत कर इतिहास रच दिया।
क्लासिक पारियां और यादगार पल
2014-15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 692 रन और 4 शतक
2018 में इंग्लैंड में 593 रन और 5 फिफ्टी+ स्कोर
साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी जगहों पर शानदार पारियां
ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत को मंज़िल तक पहुंचाया
अंत की शुरुआत
2024-25 की सीरीज में विराट कोहली की फॉर्म में गिरावट साफ दिखाई दी। पर्थ में एक शतक के अलावा वह लगातार बाहर जाती गेंदों पर फंसते गए और स्कॉट बोलैंड ने उन्हें चार बार आउट किया। नौ पारियों में महज 190 रन और 23.75 की औसत ने उनके संघर्ष को उजागर किया। उनका आखिरी दृश्य था – गुस्से में बल्ला पटकते हुए पवेलियन लौटना।
गौरवशाली आंकड़े और ऐतिहासिक सफर
श्रेणी आंकड़े
कुल टेस्ट मैच 123
कुल रन 9,230
औसत 46.85
शतक (100s) 30
अर्धशतक (50s) 31
सर्वश्रेष्ठ स्कोर 254*
भारत के लिए रैंक चौथे सबसे अधिक रन
जिनसे पीछे हैं सचिन, द्रविड़, गावस्कर
एक युग का अंत
जहां ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें एक नायक बनाया, वहीं इसी धरती पर उनका टेस्ट करियर समाप्त हुआ। विराट ने टेस्ट क्रिकेट को जुनून, आक्रामकता और समर्पण के साथ खेला और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल कायम की। भले ही आखिरी पलों में उनकी चमक फीकी पड़ी हो, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनका योगदान अमिट रहेगा।
BCCI और ICC ने कोहली के योगदान को सराहा
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। उनके इस फैसले के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) समेत पूरे क्रिकेट जगत ने उन्हें ट्रिब्यूट दिया। BCCI ने लिखा, 'धन्यवाद, विराट कोहली! टेस्ट क्रिकेट का एक युग समाप्त होता है, लेकिन विरासत हमेशा जीवित रहेगी। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान @imVkohli टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। #TeamIndia के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।”
वहीं ICC ने लिखा, “सफेद जर्सी उतरी, लेकिन ताज कायम रहा। विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा, एक बेजोड़ विरासत पीछे छोड़ते हुए।”