(Image Source : Internet)
नागपुर।
अप्रैल माह के दौरान नागपुर में हत्या की घटनाओं में चौंकाने वाली वृद्धि देखी गई, जहां महज 30 दिनों में 13 मामलों में 14 लोगों की जान चली गई। औसतन हर दो दिन में एक हत्या होने से शहर में दहशत का माहौल है। वाड़ी थाना क्षेत्र में 30 अप्रैल को हुई ताजा घटना में सोनबा नगर निवासी 27 वर्षीय सूरज सुभाष भलावी की शराब गिरने को लेकर हुए विवाद में देसी बार के कर्मचारियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में विशाल दिवेकर, रोहित वर्खड़े, संदीप चव्हाण, सुनील गोटे, प्रभाकर चिंतामणि सहित अन्य आरोपियों के नाम सामने आए हैं।
घरेलू कलह और तात्कालिक गुस्सा बना हत्याओं का मुख्य कारण
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल माह की अधिकांश हत्याएं घरेलू विवादों और अचानक भड़के गुस्से के चलते हुई हैं। 14 अप्रैल को हुडकेश्वर क्षेत्र में एक युवक ने ईर्ष्या के चलते अपने मित्र को जहर देकर मार डाला। इसी क्षेत्र में एक अन्य मामले में शासकीय मेडिकल कॉलेज की एक सहायक प्रोफेसर की हत्या उसके पति और देवर ने मिलकर की। यशोधरानगर, पचपावली और जरीपटका थाना क्षेत्रों में भी इसी तरह के उग्रता से प्रेरित हत्याएं दर्ज हुई हैं।
गिरोहों की रंजिश और बदले की भावना ने भी बढ़ाया खूनखराबा
अप्रैल में कई हत्याएं पुरानी दुश्मनी और गैंगवार का परिणाम रहीं। 3 अप्रैल को मानकापुर में साप्ताहिक बाजार में स्टॉल लगाने को लेकर हुए विवाद में सोहेल खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 9 अप्रैल को वसंतराव नाइक स्लम में हुई दोहरी हत्या ने भी सनसनी फैला दी, जिसमें कुख्यात अपराधी सागर मसराम और लक्ष्मण गोंड्या मारे गए। 15 अप्रैल को धरमपेठ में बंटी हिरनवार गैंग ने बदले की भावना से कैफे मालिक अविनाश भुसारी को गोली मार दी। कपिल नगर में दिनदहाड़े संपत्ति विवाद में अंकुश कडू की सुपारी देकर हत्या कराई गई। इन घटनाओं के बाद पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंगल ने MIDC थाने के तीन PSI को निलंबित कर दिया और अंबाझरी व कपिल नगर की डिटेक्शन ब्रांच टीम को भंग कर दिया। साथ ही गश्त, कॉम्बिंग ऑपरेशन और निगरानी भी तेज़ कर दी गई है।