सारनाथ बुद्ध अवशेष की वियतनाम यात्रा से पहले भिक्षुओं ने की विशेष प्रार्थना

01 May 2025 18:07:59
 
Sarnath Buddha relics
 (Image Source : Internet)
नई दिल्ली।
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में आज एक विशेष समारोह के तहत भिक्षुओं, भिक्षुणियों, राजनयिकों और संघ के सदस्यों ने बुद्ध (Buddha) के पवित्र अवशेष को नमस्कार कर विशेष प्रार्थनाएं अर्पित कीं। यह अवशेष एक सुरक्षित घेरे में रखा गया है और अब इन्हें विशेष भारतीय वायुसेना विमान द्वारा वियतनाम ले जाया जाएगा। इस अवसर पर वियतनाम के भारत में राजदूत गुयेन थान है और श्रीलंका की कार्यवाहक उच्चायुक्त प्रियंगा विक्रमसिंघे ने भी प्रार्थनाएं कीं।
 
चार शहरों में दर्शन हेतु रखे जाएंगे पवित्र अवशेष
संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, यह अवशेष 2 मई से 21 मई तक वियतनाम में रहेंगे और हो ची मिन्ह सिटी सहित चार प्रमुख शहरों में ले जाए जाएंगे। यहां संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस (UNDV) का आयोजन भी किया जाएगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू करेंगे। बुद्ध अवशेषों को थान तम मठ, बा डेन पर्वत, क्वान सु मठ (हनोई), और तम चुक मठ (हा नाम प्रांत) जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धापूर्वक स्थापित किया जाएगा।
 
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने की पहल
यह पवित्र अवशेष मूलतः सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में स्थापित हैं और इनकी खुदाई आंध्र प्रदेश के नागार्जुनकोंडा में हुई थी। इनका काल 246 ईस्वी से भी पूर्व का माना जाता है। इन्हें वाराणसी से दिल्ली तक राजकीय सम्मान के साथ लाया गया और आईजीआई एयरपोर्ट के सेरेमोनियल लाउंज में विशेष स्थान पर रखा गया। महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के महासचिव भंते सेवाली थेरो ने बताया कि यह पहली बार है जब इन अवशेषों को वियतनाम ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ये अवशेष 1927 से 1931 के बीच ब्रिटिश काल में खोजे गए थे और सोसाइटी को सौंपे गए थे।
 
बौद्ध संस्कृति को जोड़ने का संदेश
अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के महानिदेशक अभिजीत हालदर ने बताया कि वियतनाम में बौद्ध धर्म के अनुयायी इन अवशेषों को बुद्ध स्वरूप मानते हैं। इस आयोजन की समयावधि भी विशेष है क्योंकि यह वियतनाम के राष्ट्रीय दिवस और वेसाक दिवस से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम की साझा बौद्ध विरासत को एक साथ प्रदर्शित करने हेतु एक विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक आशीष गोयल ने बताया कि पिछले वर्ष थाईलैंड में भी ऐसे ही आयोजन में अपार श्रद्धा देखने को मिली थी और इस बार भी वियतनाम में शांति और मैत्री का यही संदेश गूंजेगा।
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