सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के 25,753 शिक्षकों और कर्मियों की नियुक्ति को रद्द किया

    04-Apr-2025
Total Views |
- भर्ती प्रक्रिया को बताया 'भ्रष्ट और त्रुटिपूर्ण'

Supreme Court(Image Source : Internet) 
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्त 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को अवैध करार दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कोलकाता हाईकोर्ट के 22 अप्रैल 2024 के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया "भ्रष्ट और त्रुटिपूर्ण" थी। कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस सरकार को तीन महीने के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
 
सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को बताया 'प्रणालीगत धोखाधड़ी'
मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने कहा कि इस मामले में भर्ती प्रक्रिया इतनी अधिक प्रभावित और भ्रष्ट है कि इसे सुधारा नहीं जा सकता। बड़ी संख्या में की गई धांधली और इसे छिपाने के प्रयासों ने चयन प्रक्रिया की वैधता और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द की गई है, उन्हें अब तक मिले वेतन और अन्य भत्ते वापस नहीं करने होंगे। हालांकि, दिव्यांग कर्मचारियों को मानवीय आधार पर राहत देते हुए उनकी नौकरी बहाल रखने का आदेश दिया गया।
 
भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच पर अगली सुनवाई 4 अप्रैल को
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर उस याचिका पर भी सुनवाई करने का निर्णय लिया, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दी गई थी। इस मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। फरवरी 10 को शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था और कहा था कि गलत तरीके से नौकरी पाने वालों को हटाया जाएगा।
 
हाईकोर्ट ने OMR शीट टैंपरिंग और रैंक-जंपिंग को बताया कारण
कोलकाता हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में कई अनियमितताओं का हवाला देते हुए इन नियुक्तियों को रद्द किया था। इसमें OMR शीट के साथ छेड़छाड़, रैंक-जंपिंग और तय समय सीमा के बाद की गई भर्तियों जैसी गड़बड़ियों को आधार बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसे 'प्रणालीगत धोखाधड़ी' (Systemic Fraud) करार दिया। पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) द्वारा 2016 में कराई गई इस भर्ती परीक्षा में 23 लाख अभ्यर्थियों ने 24,640 पदों के लिए आवेदन किया था, लेकिन कुल 25,753 नियुक्तियां कर दी गईं।
 
भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्व शिक्षा मंत्री समेत कई नेता जांच के घेरे में
इस भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य और जीवन कृष्ण साहा सहित कई नेताओं पर जांच चल रही है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि वे सभी लोग, जिन्हें निर्धारित 24,640 रिक्तियों से बाहर नियुक्त किया गया था, या जिन्होंने समय सीमा समाप्त होने के बाद नौकरी पाई, और जिन्होंने खाली OMR शीट जमा करने के बावजूद नियुक्ति प्राप्त की, उन्हें अपनी सारी सैलरी और भत्ते 12% ब्याज के साथ वापस करने होंगे।