- परिजन का दवा! इलाक़ के लिए मांगे थे लाखों रुपए
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पुणे।
पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल (Dinanath Mangeshkar Hospital) पर एक गर्भवती महिला को इलाज से वंचित करने और 10 लाख रुपये की अग्रिम मांग करने का गंभीर आरोप लगा है। इस घटना के बाद महिला ने एक अन्य अस्पताल में जुड़वां बच्चों को जन्म दिया, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई। मृतका के परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है, जिससे पूरे शहर में आक्रोश फैल गया है।
मृतका के परिवार का अस्पताल पर आरोप
मृत महिला का नाम तनीषा भीसे है। उनके पति सुशांत भीसे भाजपा विधायक अमित गोरखे के निजी सहायक हैं। अमित गोरखे ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने तनीषा को भर्ती करने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की थी, जबकि परिवार ने 3 लाख रुपये देने की पेशकश की थी। इसके बावजूद, अस्पताल ने महिला को भर्ती नहीं किया, जिसके कारण इलाज में देरी हुई और उनकी जान चली गई।
'...पैसे नहीं हैं तो ससून जाओ’
तनीषा की भाभी प्रियंका पाटिल ने भी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि 28 मार्च को जब वे अपनी बहन को पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लेकर गईं, तो डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी की आवश्यकता बताई। लेकिन बाद में अस्पताल प्रशासन ने 10 लाख रुपये की अग्रिम मांग की। जब परिवार ने 3 लाख रुपये देने की पेशकश की, तो डॉक्टर ने कथित रूप से कहा, 'अगर पैसे नहीं हैं तो ससून अस्पताल जाओ।'
इलाज में देरी के कारण बिगड़ी हालत
प्रियंका पाटिल के अनुसार, जब परिवार ने 3 लाख रुपये देने की बात कही, तो अस्पताल ने मरीज को ओपीडी में भेज दिया और कहा कि जब तक पूरी राशि जमा नहीं होगी, तब तक भर्ती नहीं किया जाएगा। इसके चलते 2 से 3 घंटे तक इलाज नहीं मिला, जिससे महिला की हालत बिगड़ती चली गई। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल ने जुड़वां बच्चों के लिए एक महीने के खर्च के रूप में पहले ही 20 लाख रुपये की मांग कर दी थी।
जांच के आदेश
इस पूरे मामले पर दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी रवि पालेकर ने कहा कि इस घटना की जांच की जाएगी और रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। उन्होंने मीडिया में आई खबरों को अधूरी बताते हुए कहा कि आरोपों की गहन जांच की जाएगी, इसलिए फिलहाल वे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
मामले ने पकड़ा तूल
इस घटना के सामने आने के बाद पूरे शहर में आक्रोश फैल गया है। लोग अस्पताल प्रशासन के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। मृतका के परिवार ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग से न्याय की गुहार लगाई है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है और क्या दोषियों को सजा मिलती है।