दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल प्रकरण : सीएम फडणवीस ने लिया संज्ञान! जांच समिति का गठन

    04-Apr-2025
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- उच्च स्तरीय जांच के आदेश

CM Fadnavis on Dinanath Mangeshkar Hospital(Image Source : Internet) 
पुणे।
पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल (Dinanath Mangeshkar Hospital) में घटी एक घटना के चलते शहर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। विभिन्न संगठनों और महिला कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है और स्वास्थ्य मंत्री ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस घटना का संज्ञान लेते हुए उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने की घोषणा की है।
 
अस्पताल प्रशासन की असंवेदनशीलता उजागर
दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल, जिसे स्वयं लता मंगेशकर और उनके परिवार ने स्थापित किया था, पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया या फिर अधिक पैसे की मांग की। इस असंवेदनशील रवैये के कारण आम जनता में नाराजगी देखी जा रही है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि यह अस्पताल चैरिटी कमिश्नरेट के अंतर्गत आता है, इसलिए इसकी जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाएगी।
 
उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन
इस प्रकरण की जांच के लिए पुणे के चैरिटी संयुक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। इस समिति में उपसचिव यमुना जाधव, मुख्यमंत्री सचिवालय के 'चैरिटी अस्पताल हेल्प सेल' के प्रतिनिधि, सर जे. जे. अस्पताल समूह, मुंबई के अधीक्षक, कानून और न्याय विभाग के उपसचिव/अवर सचिव, जो समिति के सदस्य सचिव होंगे।
 
चैरिटी अस्पतालों की जवाबदेही तय होगी
राज्य सरकार ने हाल ही में एक कानून पारित किया है, जो चैरिटी अस्पतालों के वित्तीय प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सरकार यह देखेगी कि क्या अस्पताल मेडिकल एथिक्स का पालन कर रहे हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री राहत कोष प्रकोष्ठ ने पहले भी अस्पताल से जवाब मांगा था, लेकिन अस्पताल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इस मामले को देखते हुए सरकार ने यह तय किया है कि चैरिटी अस्पतालों की जिम्मेदारी और जवाबदेही को लेकर कड़े कदम उठाए जाएंगे।
 
चैरिटी अस्पतालों के लिए नए निर्देश
चैरिटी अस्पतालों में गरीब और कमजोर वर्ग के मरीजों को समुचित उपचार मिले, इसके लिए सरकार ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी चैरिटी अस्पतालों को ‘चैरिटी अस्पताल हेल्प सेल’ की ऑनलाइन स्वीकृति लेकर आरक्षित बेड गरीब मरीजों के लिए उपलब्ध कराने होंगे। इसके अलावा, कानून और न्याय विभाग द्वारा गठित निरीक्षण दल की सिफारिशों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने 186 नए चैरिटेबल स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती को मंजूरी दी है, जिनकी नियुक्ति जल्द से जल्द की जाएगी। साथ ही, निर्धन रोगी निधि (IPF) खाते की नवीनतम जानकारी लेकर इसे चैरिटी कमिश्नर की वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा। जो अस्पताल इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।