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नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत भी दी और निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की सख्त टिप्पणी
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी को फटकारते हुए कहा, "इतिहास को समझे बिना आप इस तरह के बयान नहीं दे सकते।" कोर्ट ने चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की टिप्पणी दोहराई गई तो सर्वोच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई करेगा। न्यायालय ने व्यंग्य करते हुए कहा, "आप स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में इस तरह कैसे बोल सकते हैं? कल आप महात्मा गांधी पर भी कुछ कह सकते हैं, जिन्होंने सावरकर को 'विश्वासपात्र सेवक' कहा था।" अदालत ने यह भी याद दिलाया कि महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी दोनों ने सावरकर के प्रति सम्मान व्यक्त किया था।
विवाद का पृष्ठभूमि
यह मामला राहुल गांधी के 2022 में महाराष्ट्र में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान दिए गए एक बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों से पेंशन ली थी। इस बयान के बाद अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने लखनऊ की निचली अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153(ए) और 505 के तहत मामला दर्ज कर समन जारी किया था। राहुल गांधी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जहां कोर्ट ने सख्त लहजे में भविष्य में इस तरह की टिप्पणियों से बचने की सलाह दी।