(Image Source : Internet)
नागपुर।
भांडेवाड़ी (Bhandewadi) कचरा डंपिंग यार्ड में लगी आग मंगलवार को चौथे दिन भी नहीं बुझ सकी। पूर्व नागपुर में धुएं का घना गुबार छाया हुआ है। आग पर काबू पाने के लिए नागपुर महानगरपालिका (एनएमसी) युद्ध स्तर पर काम कर रही है। अब तक 1,880 टन मिट्टी कचरे के ढेर पर डाली जा चुकी है, जिसे 235 टिपर ट्रकों के जरिए लाया गया। हर ट्रक में 8 टन मिट्टी थी, जो नजदीकी बायो-माइनिंग पिट्स से मंगवाई गई थी। इसका मकसद आग को ऑक्सीजन से वंचित कर उसकी तीव्रता कम करना है। वहीं, फायर ब्रिगेड ने पास के कुओं से पानी खींचना शुरू किया, जिससे भूमिगत जलस्तर तेजी से गिरा। इस पर ऑरेंज सिटी वॉटर (OCW) ने हस्तक्षेप करते हुए टैंकरों से कुओं को भरना शुरू किया, जिससे उन्हें अस्थायी वॉटर स्टेशन में बदला गया।
धुएं से जूझ रहे नागरिक
कचरे के ढेर के केंद्र में अब भी आग सुलग रही है, जिससे डाइऑक्सिन, कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन सायनाइड जैसी जहरीली गैसें निकल रही हैं। तुलसी नगर और अब्बू मियां नगर के निवासी सांस लेने में तकलीफ, त्वचा में जलन और आंखों में चुभन की शिकायत कर रहे हैं। फायर फाइटर्स M50 सुरक्षा मास्क पहनकर राहत कार्य में जुटे हैं। इस बीच, शहर की कचरा व्यवस्था भी चरमरा गई है। लगभग 600 कचरा वाहनों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास अस्थायी डंपिंग स्थलों की ओर मोड़ दिया गया है। आग की विभीषिका के बीच बड़ा सवाल यह है, क्या नागपुर दीर्घकालिक और टिकाऊ कचरा प्रबंधन समाधान के लिए तैयार है?