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मुंबई।
महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में हिंदी (Hindi) को अनिवार्य बनाने के फैसले को टाल दिया है। पहले राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्रालय ने 2024 के पाठ्यक्रम योजना के तहत कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य कर दिया था। इस योजना में छात्रों को मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भी सीखनी थी। लेकिन अब सरकार ने इस निर्णय को स्थगित कर दिया है।
शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिंदी को अनिवार्य बनाने का निर्णय फिलहाल रोक दिया गया है। हालांकि, मंत्रालय ने इस विषय पर और अधिक विचार करने की आवश्यकता जताई है। यह फैसला राज्य के विभिन्न स्कूलों और शिक्षा क्षेत्र से मिल रही प्रतिक्रियाओं के आधार पर लिया गया है।
राज ठाकरे का बयान
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने इस फैसले पर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदी को अनिवार्य बनाने का निर्णय विचारणीय था, लेकिन अब इसे स्थगित किया गया है। ठाकरे ने इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करते हुए राज्य सरकार के कदम को आलोचना भी की है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और सभी समुदायों के विचारों का सम्मान करना चाहिए।