सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में 3.9 लाख करोड़ रुपए का निवेश! केंद्र और राज्य सरकारों की बड़ी पहल

    18-Apr-2025
Total Views |
- केंद्र सरकार का 1.42 लाख करोड़ रुपए का योगदान

road infrastructure(Image Source : Internet) 
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर सड़क अवसंरचना क्षेत्र में 3.9 लाख करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। बैंक ऑफ बड़ौदा की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस निवेश का उद्देश्य देश में कनेक्टिविटी को मजबूत करना और लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसमें से केंद्र सरकार ने 1.42 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं घोषित की हैं।
 
राजस्थान, असम और मेघालय को बड़ी हिस्सेदारी
केंद्र सरकार की सड़क परियोजनाओं में राजस्थान को सबसे बड़ा हिस्सा मिला है। कुल 1.4 लाख करोड़ रुपए के आवंटन में से 0.67 लाख करोड़ रुपए (47%) की परियोजनाएं केवल राजस्थान में घोषित की गई है, जिसमें 28 फ्लाईओवर का निर्माण शामिल है। असम को 0.5 लाख करोड़ रुपए (35%) की राशि से 1,647 किलोमीटर लंबी सड़कें बनेंगी, जबकि मेघालय को 0.25 लाख करोड़ रुपए (18%) से 136 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
 
राज्य सरकारों का 3.7 लाख करोड़ रुपए का निवेश
रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य सरकारों ने कुल 3.7 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें से लगभग 67% (2.5 लाख करोड़ रुपए) सड़क परिवहन अवसंरचना सेवाओं पर केंद्रित हैं। गुजरात ने 97,892 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की घोषणा की है, जबकि राजस्थान ने 87,438 करोड़ रुपए की राशि से 2,829 किलोमीटर सड़कों के निर्माण की योजना बनाई है। ओडिशा ने भी 27,400 करोड़ रुपए की परियोजनाएं घोषित की हैं।
 
कुल सार्वजनिक पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपए
यह निवेश केंद्र सरकार द्वारा घोषित 11.1 लाख करोड़ रुपए के सार्वजनिक पूंजीगत व्यय (Capex) का हिस्सा है, जिसका लगभग दो-तिहाई हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। यह संकेत करता है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देश की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही हैं।
 
निजी निवेश में भी बढ़त, कुल 38.3 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट घोषित
FY25 में सरकार और निजी कंपनियों ने मिलकर 38.3 लाख करोड़ रुपए की नई परियोजनाओं की घोषणा की है, जो कि FY96 के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इनमें से 69% निवेश निजी क्षेत्र से आ रहा है, जबकि 31% सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा, पारंपरिक बिजली, रसायन और स्टील जैसे क्षेत्रों में घरेलू निजी निवेशकों की रुचि बढ़ी है।