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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
म्यांमार (Myanmar) में आए भूकंप के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत मंडाले में तैनात भारतीय सेना की फील्ड हॉस्पिटल टीम मंगलवार देर रात स्वदेश लौट आई। यह टीम हिंडन एयर फोर्स बेस पर उतरी। टीम ने म्यांमार में भूकंप प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की। 50 पैरा ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर नवीन कुमार ने ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी साझा की।
भूकंप के बाद तत्काल राहत कार्य
ब्रिगेडियर नवीन कुमार ने बताया, “यह ऑपरेशन म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद तुरंत शुरू किया गया था, जिसका केंद्र मंडाले शहर था। म्यांमार सरकार के अनुरोध पर हमने वहां फील्ड हॉस्पिटल स्थापित किया। शुरुआत में 118 सदस्यीय टीम भेजी गई थी, लेकिन स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों और सर्जनों सहित कुल 123 सदस्यीय टीम तैनात की गई।” उन्होंने बताया कि टीम में ट्रॉमा केयर, एक्स-रे, लैब टेस्ट सहित जीवन रक्षक सर्जरी के लिए सभी सुविधाएं मौजूद थीं।
एक साथ दो मरीजों की सर्जरी संभव
उन्होंने आगे बताया कि, “हमने फील्ड कंडीशन में एक दोहरी ऑपरेशन थियेटर स्थापित किया, जहां एक साथ दो गंभीर मरीजों की सर्जरी की जा सकती थी। हमारी मेडिकल टीम की विश्वसनीयता बढ़ने के बाद स्थानीय अस्पतालों ने भी गंभीर मरीजों को हमारे पास भेजना शुरू कर दिया। वहां के लोगों ने भारतीय डॉक्टरों पर भरोसा जताया और उनकी सेवाओं को सराहा।” ब्रिगेडियर कुमार ने बताया कि अब तक लगभग 65 प्रमुख सर्जरी फील्ड कंडीशन में की गईं और आवश्यक दवाएं भी वहां छोड़ी गई हैं।
पूर्व अनुभव और स्थानीय समर्थन बना सहारा
ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे पैरा फील्ड हॉस्पिटल के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल ने बताया कि यह चुनौतीपूर्ण कार्य नहीं था क्योंकि उनकी टीम को पहले से ऐसी आपातकालीन परिस्थितियों के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा, “हम पहले भी नेपाल और तुर्की में HADR ऑपरेशन का हिस्सा रह चुके हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि म्यांमार सरकार और स्थानीय लोगों का उन्हें पूरा समर्थन मिला। भारत ने यांगून क्षेत्र में भारतीय समुदाय की मदद के लिए भी 15 टन चावल, तेल, और खाद्य सामग्री पहुंचाई, जबकि मंडाले में अंबिका मंदिर की रसोई को जेनरेटर, जल शोधक और खाद्य तेल प्रदान किया गया।