नेपाल में धूमधाम से मनाया गया घोड़े जात्रा पर्व

29 Mar 2025 22:30:51
- उच्च अधिकारियों की उपस्थिति

Nepal(Image Source : Internet) 
काठमांडू।
शनिवार को नेपाल (Nepal) का पारंपरिक पर्व "घोड़े जात्रा" बड़े धूमधाम से मनाया गया। यह आयोजन नेपाल सेना के कैवेलरी द्वारा काठमांडू के सेना मैदान (आर्मी पवेलियन) में किया गया, जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य उच्चस्तरीय अधिकारी शामिल हुए। यह पर्व हर साल चैत्र मास में विशेष समारोह के साथ मनाया जाता है, जिसमें घुड़सवारी और कई विशेष कार्यक्रम होते हैं।
 
घोड़े जात्रा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
"घोड़े जात्रा" शब्द का अर्थ नेपाली भाषा में "घोड़ों का मेला" होता है। यह पर्व विक्रम संवत के आखिरी महीने चैत्र कृष्ण औंसी को मनाया जाता है और नेपाल की सांस्कृतिक विरासत में इसका गहरा महत्व है। प्राचीन काल से चली आ रही यह परंपरा आज भी पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाई जाती है।
 
दानव तुंडी के अंत की याद में घुड़सवारी
घोड़े जात्रा के पीछे एक प्राचीन मान्यता है कि काठमांडू के तुंडीखेल क्षेत्र में "तुंडी" नामक राक्षस हुआ करता था, जो वहां के लोगों को बहुत परेशान करता था। इस राक्षस को अंततः घोड़ों के पैरों तले कुचलकर मार दिया गया और उसे तुंडीखेल में दफना दिया गया। माना जाता है कि उसकी आत्मा फिर से न लौटे, इसलिए हर साल इस मैदान में घोड़ों को दौड़ाया जाता है, जिससे इस परंपरा की शुरुआत हुई।
 
राजाओं के समय से चली आ रही परंपरा
ऐसा कहा जाता है कि राजा प्रताप मल्ल के शासनकाल (787 ईसा पूर्व) में यह पर्व केवल काठमांडू में मनाया जाता था। उस समय नेपाल के तीन प्रमुख शहर – काठमांडू, पाटन और भक्तपुर अलग-अलग राज्यों के रूप में थे और उनके शासकों के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। जब पाटन के लोग काठमांडू में यह उत्सव देखने जाते थे, तो राजा श्रीनिवास मल्ल ने पाटन के भोलाख्या गांव में भी यह उत्सव शुरू कर दिया, जिससे यह पर्व पाटन (ललितपुर) में भी लोकप्रिय हो गया।
 
कृषि और नववर्ष से भी जुड़ा है पर्व
इस पर्व का एक अन्य पहलू कृषि से भी जुड़ा हुआ है। घाटी के किसान इस दिन को शुभ मानते हुए सेम, खीरा और अन्य सब्जियों के बीज अपनी जमीनों में बोते हैं। इस प्रकार, घोड़े जात्रा न केवल ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह नववर्ष का स्वागत करने और कृषि कार्यों की शुरुआत का भी प्रतीक है।
Powered By Sangraha 9.0